क्वार्क (/ˈkwɔːrk/ or /ˈkwɑːrk/) एक प्राथमिक कण है तथा यह पदार्थ का मूल घटक है। क्वार्क एकजुट होकर सम्मिश्र कण हेड्रॉन बनाते है, परमाणु नाभिक के मुख्य अवयव प्रोटॉन व न्यूट्रॉन इनमें से सर्वाधिक स्थिर हैं। [१] नैसर्गिक घटना रंग बंधन के कारण, क्वार्क न कभी सीधा प्रेक्षित होलै या नय त एकांत म पयलो गेलै; उ केवल हेड्रॉन के भीतर पयलू जाय छै , जेना कि बेरिऑनों (उदाहरणार्थ: प्रोटान आरू न्यूट्रान) आरू मेसॉनों के रूप म।[२][३]
क्वार्क के अनेक आंतरिक गुण छै। जेकरा म विद्युत आवेश, द्रव्यमान, रंग आवेश आरू स्पिन सम्मिलित छै। कण भौतिकी के मानक मॉडल म क्वार्क एकमात्र प्राथमिक कण छीकै, जे सब चार मूलभूत अंतःक्रिया या मौलिक बल ( विद्युत चुंबकत्व, गुरुत्वाकर्षण, प्रबल अंतःक्रिया आरू दुर्बल अंतःक्रिया) क महसूस करै छै, साथ ही ई मात्र ज्ञात कण छीकै, जेकरा विद्युत आवेश प्राथमिक आवेश के पूर्णांक गुणनफल नय छै।
क्वार्क के छह प्रकार है, जो जाने जाते है फ्लेवर से: अप , डाउन, स्ट्रेन्ज, चार्म, टॉप और बॉटम।[४] अप व डाउन क्वार्क के द्रव्यमान सब क्वार्को म सबसे कम छै। अपेक्षाकृत भारी क्वार्क कणिका क्षय के प्रक्रिया के माध्यम से तीव्रता स अप व डाउन क्वार्क म बदली जाय छै। कणिका क्षय, ऐगो उच्च द्रव्य अवस्था के ऐगो निम्न द्रव्य अवस्था म परिवर्तन छीकै। ई वजह स, अप व डाउन क्वार्क आम तौर प स्थिर होय छै आरू ब्रह्मांड म सबसे आम छै, वहीं स्ट्रेन्ज, चार्म, बॉटम आरू टॉप क्वार्क खाली उच्च ऊर्जा टक्कर म उत्पन्न केलो जाय सकै छै। हर क्वार्क फ्लेवर के प्रतिकण होय छै जेकरो परिमाण त क्वार्क के बराबर होय छै परंतु चिन्ह विपरीत रखै छै, आरू ई एंटीक्वार्क के रूप म जानलो जाय छै।
क्वार्क मॉडल स्वतंत्र रूप से भौतिकविदों मरे गेल-मन और जॉर्ज वाइग द्वारा 1964 में प्रस्तावित किया गया था। [५] क्वार्क हेड्रॉनों के अंग के रूप में पेश किए गए थे। 1968 में स्टैनफोर्ड रैखिक त्वरक केंद्र पर प्रयोग होने तक उनके भौतिक अस्तित्व के बहुत कम प्रमाण थे।[६][७]त्वरक प्रयोगों ने सभी छह फ्लेवरों के लिए प्रमाण प्रदान किए। टॉप क्वार्क सबसे अंत में फर्मीलैब पर 1995 में खोजा गया। [५]