धनुष

धनुष[मृत कड़ियाँ] के सहायता स बाण चलाना निस्संदेह बहुत प्राचीन कला छीकै, जेकरो चलन आय भी छै। आहार आरू आत्मरक्षा के लेली संसार के सभ भागों मे अन्य हथियारों के अपेक्षा धनुष-बाण के प्रयोग सर्वाधिक आरू व्यापक होलो छै। आदिकाल स लेकऺ 16वीं शताब्दी तक धनुषबाण मनुष्य के निरंतर सहायक रहलो छै। यहाँ तक कि जखनी आग्न्यस्त्रों न हेकरो उपयोगिता समाप्त करी देलकै, तखनी भी खेल, शौक आरू मनोरंजन के रूप म हेकरो प्रयोग चलतें रहलो छै।