डी एन ए कय नकल या डी एन ए रेप्लिकेसन यक मेर कय जैबिक परकिरिया होय जेहिमा यक्ठु मूल (पैरेन्ट डीएनए) डिनए से दुई ठु उहै मेर कय डी एन ए बनत हँय। यि परकिरिया जियै वालै कुल प्राणिन मा होत हय। जिबन म होय वाले कोष या सेल कय यक्ठु लक्षण होत उ होय बिभाजन। बिभाजन होत कय डिनए का भि बटैँक परा ,इहिकै नाते डिएनए रेप्लिकेसन बहुतै जरुरी चीज होय।[१] डिनए कय दुई किनारा या स्ट्रैंड होत हय। रेप्लिकेसन कय समय मा यन्हरे उधरि जात हँय या छुटि जात हँय। अब इ दुनौ स्ट्रैंड साँचा कय काम करिहैं। डिएनए रेप्लिकेसन डिएनए कय चुनिन्दा जगहि से सुरु होत हय। यका रेप्लिकेसन कय सुरुआती जगह या ओरिजिन अफ रेप्लिकेसन (ori) कहत हँय। पहिले हेलिकेज नाँव कय इन्ज़ाइम डिएनए कय दुनौ किनारा कय अलग करि जइसै कपडा मे लाग चैन या ज़िप खुलत हय उहि मेर कय। दुनौं साँचा कय किनारे अब एक-एक ठु उहै मेर कय नँवा डिनए स्ट्रैंड बनि। अब जवन नँवा स्ट्रैंड बनि उ औ जवन साँचा हँय उ दुनौ मिलिकै एक्ठु नँवा डिनए बनइहैं। यहमा देखा जाय तौ अब जवन नँवा डिनए बना ओहिमा एक स्ट्रैंड नँवा हय औ एक साँचा वाला हय या मूल डिनए वाला एक स्ट्रैंड हय। इहिकै नाते डिनए रेप्लिकेसन कय सेमिकन्ज़र्वेटिभ तरिका मानि जात हय काहे से नँवा वाले डिनए कय दुई स्ट्रैंड मा यक्ठु मूल डिनए से हय औ एक्ठुयै नँवा हय। [२]
१. सुरुवाती जगह कय चुनाव
२. मूल डिनए कय दुनौ स्ट्रैंड कय उधेरब
३. रेप्लिकेसन फोर्क बनब
४. डिनए स्ट्र्रैंड बनब
५. अंत
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की उपेक्षा की गयी (मदद)