पाइथागोरस प्रमेय या बौधायन कय प्रमेय: समकोण त्रिभुज कय दो भुजाओं कय लम्बाइयों के वर्गों कय जोड़ कर्ण कय लम्बाई के वर्ग के बराबर होत है।]]
पाइथागोरस प्रमेय (या, बौधायन प्रमेय) यूक्लिडीय ज्यामिति मा कउनो समकोण त्रिभुज के तीनों भुजाओं के बीचे एक सम्बन्ध बतावै वाला प्रमेय होय। एह प्रमेय का आमतौर पय एक समीकरण के रूप मा निम्नलिखित तरीका से अभिव्यक्त कीन जात है-
जहाँ c समकोण त्रिभुज के कर्ण कय लंबाई अहै तथा a अउर b अन्य दो भुजाओं कय लम्बाई होय। पाइथागोरस यूनान कै गणितज्ञ रहें। उनही का प्रमेय कय खोज कय श्रेय दीन जात है,<् हालांकि ई माना जाय लाग अहै कि एह प्रमेय कय जानकारी उनसे पहिले कय अहै। भारत कय प्राचीन ग्रंथ बौधायन शुल्बसूत्र मा ई प्रमेय दीनि अहै। काफी प्रमाण अहै कि बेबीलोन कय गणितज्ञौ एह सिद्धांत का जानत रहें। एहका 'बौधायन-पाइथागोरस प्रमेय' भी कहथें।