सुषमा स्वराज | |
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२०१७ में स्वराज | |
विदेश मंत्री[१] | |
In office २६ मई २०१४ – 24 मई 2019 | |
प्रधानमंत्री | नरेन्द्र मोदी |
इनके पहिले | सलमान खुर्शीद |
विदेश मंत्री | |
In office २६ मई २०१४ – ७ जनवरी २०१६ | |
प्रधानमंत्री | नरेन्द्र मोदी |
इनके पहिले | वयलार रवि |
इनके बाद | स्थान समाप्त |
विपक्ष की नेता | |
In office २१ दिसम्बर २००९ – २६ मई २०१४ | |
इनके पहिले | लाल कृष्ण आडवाणी |
इनके बाद | रिक्त |
संसदीय मामलों की मंत्री | |
In office २९ जनवरी २००३ – २२ मई २००४ | |
प्रधानमंत्री | अटल बिहारी वाजपेयी |
इनके पहिले | प्रमोद महाजन |
इनके बाद | गुलाम नबी आजाद |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मन्त्री | |
In office २९ जनवरी २००३ – २२ मई २००४ | |
प्रधानमंत्री | अटल बिहारी वाजपेयी |
इनके पहिले | सी पी ठाकुर |
इनके बाद | अम्बुमणि रामदौस |
सूचना एवं प्रसारण मंत्री | |
In office ३० सितम्बर २००० – २९ जनवरी २००३ | |
प्रधानमंत्री | अटल बिहारी वाजपेयी |
इनके पहिले | अरुण जेटली |
इनके बाद | रवि शंकर प्रसाद |
दिल्ली की मुख्यमंत्री | |
In office १३ अक्तूबर १९९८ – ३ दिसम्बर १९९८ | |
राज्यपाल | विजय कपूर |
इनके पहिले | साहिब सिंह वर्मा |
इनके बाद | शीला दीक्षित |
संसद सदस्य विदिशा से | |
Assumed office १३ मई २००९ | |
इनके पहिले | रामपाल सिंह |
संसद सदस्य दक्षिण दिल्ली से | |
In office ७ मई २००६ – ३ अक्तूबर १९९९ | |
इनके पहिले | मदन लाल खुराना |
इनके बाद | विजय कुमार मल्होत्रा |
जनम | 14 फरवरी, 1952[२] अम्बाला छावनी, पंजाब, भारत (अब हरियाणा, भारत में) |
मउत | 6 अगस्त 2019[३] एम्स दिल्ली (रात 11.23 बजे) नई दिल्ली, भारत |
जनम कय नाँव | सुषमा शर्मा |
राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
जीवन संगी | स्वराज कौशल |
शैक्षिक सम्बद्धता | सनातन धर्म कालेज पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगड |
सुषमा स्वराज (१४ फरवरी, १९५२ - ०६ अगस्त, २०१९)[२] एक भारतीय महिला राजनीतिज्ञ अउर भारत की पूर्व विदेश मंत्री रही।[१] उ साल २००९ मा भारत की भारतीय जनता पार्टी द्वारा संसद मा विपक्ष की नेता चुनी गई थी, इ नाते उ भारत की पन्द्रहवीं लोकसभा मा विपक्ष की नेता रही है। एकरे पहिले भी ऊ केन्द्रीय मंत्रिमंडल में रही चुका हैं अउर दिल्ली की मुख्यमंत्री भी रही चुकी हैं। उ २००९ के लोकसभा चुनाव खातिर भाजपा के १९ सदस्यीय चुनाव-प्रचार-समिति के अध्यक्ष भी रही।
अम्बाला छावनी मा जनमल सुषमा स्वराज एस. डी. कालेज अम्बाला छावनी से बी. ए. अउर पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से कानून कय डिग्री लिहिन। पढाई पूरी कईला के बाद ऊ पहिले जयप्रकाश नारायण के आन्दोलन में बढ़ चढ़ के भाग लिहिन। आपातकाल का पुरजोर विरोध कइला के बाद ऊ सक्रिय राजनीति से जुड़ गइनी. २०१४ मा उ भारत कय पहिलका महिला विदेश मंत्री रही, जबकि एकरे पहिले इंदिरा गांधी दुई बार कार्यवाहक विदेश मंत्री रह चुकलिन। कैबिनेट मा उनका सम्मिलित कइके उनकर कद अउर योग्यता का स्वीकार करा। दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री का गौरवशाली इतिहास रहा है।
सुषमा स्वराज (विवाह पूर्व शर्मा) का जन्म १४ फरवरी १९५२ के हरियाणा (तब पंजाब) राज्य के अम्बाला छावनी में, हरदेव शर्मा अउर लक्ष्मी देवी के घर भइल रहे उनकर पिता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख सदस्य रह चुकल रहले. स्वराज का परिवार मूल रूप से लाहौर के धरमपुरा क्षेत्र का निवासी रहा, जवन अब पाकिस्तान में बा. उ अम्बाला के सनातन धर्म कॉलेज से संस्कृत अउर राजनीति विज्ञान मा स्नातक की उपाधि प्राप्त कीन। १९७० मा उ अपने कालेज मा सर्वश्रेष्ठ छात्रा का सम्मान से सम्मानित भई रहिन। ऊ लगातार तीन साल तक एस. डी. कालेज छावनी की एन सी सी की सर्वश्रेष्ठ कैडेट अउर तीन साल तक राज्य की सर्वश्रेष्ठ हिन्दी वक्ता भी चुनी गई । एकरे बाद ऊ पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से विधि के शिक्षा प्राप्त कइलन. ९] पंजाब विश्वविद्यालय से भी उन्हें १९७३ मा सर्वोच्च वक्ता का सम्मान मिला रहा था। १९७३ मा ही स्वराज भारतीय सर्वोच्च न्यायालय मा अधिवक्ता के पद पै कार्य करैं लागिन। १३ जुलाई १९७५ का उनकर बिआह स्वराज कौशल से भईल, जे सर्वोच्च न्यायालय में उनकर सहयोगी अउर साथी अधिवक्ता रहलन. कौशल बाद मा छ साल तक राज्यसभा मा सांसद रहे, अउर इ के अतिरिक्त ऊ मिजोरम प्रदेश कय राज्यपाल भी रहि चुके हैं। स्वराज दम्पति क एक बिटिया बांसुरी अहइ जउन लन्दन क इनर टेम्पल मँ वकालत करत अहइ। सुषमा स्वराज का ६ अगस्त २०१९ का रात ११.२४ बजे दिल्ली में निधन हो गया।
सुषमा स्वराज का हिन्दी पर बड़ा शानदार पकड़ रहा था। उनके हिन्दी मा तत्सम शब्द जादा होत रहे। फिर भी उनकी भाषा, रचना, रचना का अंदाज़ा कुछ साफ दिखाई दे रहा था। विदेश मंत्री रहिके सुषमा स्वराज आपन एक चर्चित भाषण में सितम्बर २०१६ मा संयुक्त राष्ट्र मा हिन्दी मा ही भाषण दिहिन। उ जउन कछू सोचत ह उहइ बोलत मँ खुस होत ह। विश्व हिन्दी सम्मेलन मा ऊ खूब भाग लेत रहिन। हिन्दी कय संयुक्त राष्ट्र संघ कय आधिकारिक भासा बनावे कय भी उ कई प्रयास कईलन.
संस्कृत से भी उनका विशेष प्रेम रहा। उ हमेसा संस्कृत ही सपथ लेत रही । ऊ कई अवसरन पे संस्कृत में भाषण दिहेन। २०१२ मा साउथ इंडिया एजुकेशन सोसाइटी सुषमा का पुरस् कार देहेस जवन मुम्बई मा सम्पन्न भय। संस्कृत कय कई विद्वान आवाथिन। सम्मान प्राप्ति के बाद जब भाषण देवे के बारी आई, त सुषमा बोले खातिर संस्कृत के चुनलीं. सम्मान मा जे धनराशि मिली थी, ऊ संस्था क लौटावत कहली कि संस्कृत के काम में ऊ धन लगा दिहीं। इसी प्रकार जून २०१५ मा १६वां विश्व संस्कृत सम्मेलन बैंकक मा सम्पन्न हुआ जेकर मुख्य अतिथि सुषमा स्वराज रहीं। उ पांच दिन के सम्मेलन का उद्घाटन भासन संस्कृत मा करे रहिन।
उ कई भाषाओं मा सहजोग से बोली जात रहिन। हिन्दी बढ़िया, अंग्रेजी फ़्लुएंट, संस्कृत धाराप्रवाह, हरियाणवी धड़ाधड़, पंजाबी एतना प्यारी, उर्दू भी एतना बढ़िया. फिर जब कर्नाटक से चुनाव लड़े, त कन्नड़ भी सीख लिहिन.
भाषाविज्ञान के साथ साथ ऊ प्रखर अउर ओजस्वी वक्ता, प्रभावशाली सांसद अउर कुशल प्रशासक भी रहीं। एक समय अटल बिहारी वाजपेयी के बाद सबसे लोकप्रिय वक्ता रहीं।
७० के दशक मा ही स्वराज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ी रहिन। उनकर पति, स्वराज कौशल, समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस के नजदीक रहैं, अउर एही कारन ऊ भी १९७५ में फर्नांडिस की कानूनी टीम का भाग बनि गइ। आपातकाल के समय ऊ जयप्रकाश नारायण के सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन मा बढ़ चढ़ के भाग लिहिन। आपातकाल खतम होइ जाए के बाद ऊ जनता पार्टी कय सदस्य बनि गइ । १९७७ में ऊ अम्बाला छावनी विधानसभा क्षेत्र से हरियाणा विधानसभा खातिर विधायक का चुनाव जीती अउर चौधरी देवी लाल की सरकार में १९७७ से १९७९ के बीच राज्य का श्रम मंत्री रहिके २५ साल की उमर में कैबिनेट मंत्री बने का रिकार्ड बनवले रहे.[४] सन् १९७९ मा तब २७ साल की स्वराज हरियाणा राज्य मा जनता पार्टी की राज्य अध्यक्ष बनीन् ।
अस्सी के दशक मा जब भारतीय जनता पार्टी कै गठन भवा तब उहौ भी एमा सम्मिलित होइ गइन ।[५] एकर बाद १९८७ से १९९० तक फिर से ऊ अम्बाला छावनी से विधायक रही, अउर भाजपा - लोकदल संयुक्त सरकार में शिक्षा मंत्री रही.[६] अप्रैल १९९० मा ऊ राज्यसभा सदस्य के रूप मा निर्वाचित भईन्, जहाँ ऊ १९९६ तक रहीन् । १९९६ मा ऊ दक्षिण दिल्ली संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीती, अउर १३ दिन की वाजपेयी सरकार में सूचना अउर प्रसारण मंत्री रही. मार्च १९९८ मा ऊ दक्षिण दिल्ली संसदीय क्षेत्र से एक बार फिर चुनाव जितले. इ बार फिर से उ वाजपेयी सरकार मा सूचना प्रसारण मंत्री के रूप मा शपथ लिहेन, जौनके पास दूरसंचार मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार रहा। १९ मार्च १९९८ से १२ अक्टूबर १९९८ तक ऊ ई पद पर रही । इ अवधि के दौरान उनके सबसे उल्लेखनीय फैसले फिल्म उद्योग का एक उद्योग के रूप मा घोषित करे रहेन, जेसे भारतीय फिल्म उद्योग का भी बैंक से लोन मिल सका.
अक्टूबर १९९८ में उ केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिहिन, अउर १२ अक्टूबर १९९८ का दिल्ली की पहिला महिला मुख्यमंत्री के रूप मा कार्यभार ग्रहण कई दिहिन। हालाँकी, ३ दिसम्बर १९९८ के उ आपन विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिहिस, अउर फिर से राष्ट्रीय राजनीति मा फिर से लौटि गै। सितम्बर १९९९ मा ऊ कर्नाटक के बेलारी निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़े रहिन। आपन चुनावी अभियान के दौरान उहौ स्थानीय कन्नड़ भासा मा ही सार्वजनिक सभा का संबोधित करिन। फिर भी वो ७ प्रतिशत का अंतर से चुनाव हार गईं। अप्रैल २००० मा ऊ उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य के रूप मा संसद मा वापस आइ गइन। ९ नवम्बर २००० का उत्तर प्रदेश के विभाजन पर उनका उत्तराखण्ड मा स्थानांतरित कर दियल गईल। [ २०] उ केंद्रीय मंत्रिमंडल मा सूचना अउर प्रसारण मंत्री के रूप मा फिर से सम्मिलित हइन, जेकर पद सितम्बर २००० से जनवरी २००३ तक रही। २००३ मा ऊ स्वास्थ्य, परिवार कल्याण अउर संसदीय मामिला मंत्री बनाइन, अउर मई २००४ मा राजग की हार तक ऊ केंद्रीय मंत्री रही।
अप्रैल २००६ मा स्वराज का मध्य प्रदेश राज्य से राज्यसभा मा तिसरका कार्यकाल खातिर फिर से चुनल गयल. एकरे बाद २००९ में ऊ मध्यप्रदेश के विदिशा लोकसभा सीट से ४ लाख से ज्यादा वोट से जीत गईलन. २१ दिसम्बर २००९ का लालकृष्ण आडवाणी की जगह सुषमा स्वराज १५ वीं लोकसभा में विपक्ष की नेता बनीं अउर मई २०१४ में भाजपा की जीत तक ऊ एही पद पर आसीन रही। साल २०१४ मा उ विदिशा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से दुबारा लोक सभा कय सांसद चुनी गइ हैं अउर उनका भारत कय पहिला महिला विदेश मंत्री होय का सौभाग्य मिला है। भाजपा मा राष्ट्रीय मंत्री बने वाली पहिली महिला सुषमा के नाम पर कई रिकॉर्ड दर्ज है। उ भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता बने वाली पहिली महिला हई, उ कैबिनेट मंत्री बने वाली भी भाजपा की पहिली महिला हई, उ दिल्ली की पहिली महिला मुख्यमंत्री रहीं अउर भारत की संसद में सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार पाने वाली भी पहिली महिला हई। ई दिल्ली की पहिला महिला मुख्यमंत्री[७] अउर देश की पहली महिला प्रवक्ता हैं।
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