कुचिपुड़ी

Kuchipudi dancer in "Tribhanga" bangima (posture)
Kuchipudi dancers in Action
Kuchipudi dancer in "Lathangi" bangima (posture)
A Kuchipudi dancer performing at IIM Bangalore
A Kuchipudi dancer performing at Shantala Arts Festival, Bangalore
A classical dancer practicing for a performance.

कुचिपुड़ी एगो शास्त्रीय नाच या नृत्य के शैली हवे। ई नाच भारत की आंध्रप्रदेश राज्य में सभसे प्रचलित हवे आ एहिजे एकर जनम भइल रहे। आंध्रप्रदेश की अलावा ई पुरा दक्खिनी भारत में बहुत परचलित नाच हवे। कहल जाला की एकर जनम कुचिपुड़ी गाँव में भइल रहे आ एकर शुरुआत सिद्धेन्द्र योगी नाँव के कृष्ण-भक्त संत कइले रहलें।[1][2]

कुचिपुड़ी नाच के परदर्शन आम तौर पर कुछ परंपरागत तरीका से शुरू होला। जेवना में स्टेज पर एगो शुरूआती पूजन नियर होखेला जेकरा बाद कलाकार अपनी पात्र के रूप में प्रवेश करे लें। प्रवेश की बाद कलाकार आपन परिचय देला आ पात्र के अस्थापित करे के काम करे ला। एकरा बाद मुख्य नाटक आरम्भ होला। ई नाच-नाटक हमेशा कर्नाटक संगीत में सजल गीत की साथे होखे ला। गीत के एक ठो गायक गावे ला आ मिरदंग वायलिन बाँसुरी आ तम्बूरा पर गायक के सहजोग कइल जाला। नाचे वाला कलाकार के ज्यादातर गहना आ आभूषण एगो खास हलुक लकड़ी के बने लें जौना के बूरुगु कहल जाला आ ई परम्पारा सतरहवीं सदी में शुरू भइल रहे।

भरत मुनि की नाट्यशास्त्र के जानकार सिद्धेन्द्र योगी एकर शुरूआत कइलें आ ऊ पारिजातहरण नाँव के एगो नाटक के रचना कइलें आ एही से एह नाच के शुरूआत मानल जाला।

कुचिपुड़ी नाच के कलाकार चपल आ तेज गतिविधि वाला होखे लें आ नाच में गोलाई आ पद संचालन में लय आ उड़ान के बहुत महत्व होला। नाचे वाला कलाकार एगो खास गरिमा की संघे ई नाच परस्तुत करे लें। कर्नाटक संगीत की साथे होखे वाला ई नाच भरतनाट्यम की संघे कई माने में समानता लिहले होखे ला।

बिस्व रेकार्ड

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26 दिसंबर 2010 के हैदराबाद की जीएमसी बालयोगी स्टेडियम में 2800 कुचिपुड़ी कलाकार आ 200 से ढेर कुचिपुड़ी गुरू लोग मिल के एक साथे नाच के परदर्शन कइल आ एगो बिस्व रेकार्ड बना दिहल लोग।

इहो देखल जाय

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  1. Kothari, Sunil; Pasricha, Avinash (2001). कुचिपुड़ी (अंग्रेजी में). अभिनव प्रकाशन. p. 31. Retrieved 29 अक्टूबर 2015.
  2. Banham, edited by James R. Brandon ; advisory editor, Martin (1993). The Cambridge guide to Asian theatre (Pbk. ed.). Cambridge, England: Cambridge University Press. p. 96. ISBN 9780521588225. {{cite book}}: |first= has generic name (help)

बाहरी कड़ी

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