घर

घर भा जेकरा के अंग्रेजी में होम या डोमिसाइल कहल जाला, केहू ब्यक्ति, परिवार भा आदिम बस्ती में कई परिवार सभ के टेम्परेरी भा स्थाई निवास के जगह होला। ई कौनों मकान, अपार्टमेंट, भा अउरी अन्य तरह के बिल्डिंग हो सके ला, मोबाइल होम (जइसे पच्छिमी सभ्यता में कारवाँ ट्रक वगैरह) याट, भा हाउसबोट भी हो सके ला।

भारतीय परंपरा में एगो सुभाषित के मोताबिक एकरा से दांपत्य आ पारिवारिक जीवन जीवन के बोध होला।[नोट 1]

  1. सुभाषित हवे कि: न गृहं गृहमित्याहु गृहिणी गृहमुच्यते - यानी घर के घर ना कहल जाला बलुक गृहिणी, घर के मलिकाइन के घर कहल जाला।[1][2]
  1. P G Sahasrabuddhe. Jeewan Mulya – 3: Vyaktitv Vikaas Evan Raashtrotthaan Hetu Aavashyak Gunon Ka Saral Vivechan. Suruchi Prakashan. pp. 131–. ISBN 978-81-89622-42-8.
  2. Shiva Swarup Sahay (1998). Pracheen Bharat Ka Samajik Aur Arthik Itihas Hindu Samajik Sansthaon Sahit. Motilal Banarsidass Publishe. pp. 202–. ISBN 978-81-208-2364-8.