दामोदर नदी | |
छोटा नागपुर पठार के निचला हिस्सा में दामोदर नदी, बिना बरसात के सीजन में
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देस | भारत |
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राज्य | पच्छिम बंगाल, झारखंड |
सहायिका | |
- बायें से | बरकार, कोनार, जमुनिया |
- दहिने से | साली |
शहर | बोकारो, आसनसोल, पच्छिम बंगाल, रानीगंज, पच्छिम बंगाल, दुर्गापुर, बर्धमान, पच्छिम बंगाल |
लैंडमार्क | तेनुघाट बाँध, पंचेत बाँध, पच्छिम बंगाल, दुर्गापुर बैराज, रणडिहा, पच्छिम बंगाल |
उदगम | चंदवा |
मुहाना | हुगली नदी, पच्छिम बंगाल |
लंबाई | 592 किमी (368 मील) |
जलनिकास | for हुगली नदी, पच्छिम बंगाल |
- औसत | 296 m3/s (10,453 cu ft/s) [1] |
- अधिकतम | 2,707 m3/s (95,597 cu ft/s) |
- सबसे कम | 0 m3/s (0 cu ft/s) |
दामोदर नदी भारतीय राज्य झारखंड से निकल के पच्छिम बंगाल में बहे वाली, हुगली नदी के सहायिका, नदी बा। नदी के कुल लंबाई 592 किलोमीटर (368 मील) बा। ई नदी झारखंड के छोटा नागपुर पठार से निकले ले जहाँ प्राचीन काल के चट्टान सभ खनिज संपदा से भरपूर बाड़ी। पठारी हिस्सा पार करे के बाद ई बंगाल के मैदान में परवेश करे ले आ ढाल एकदम से कम हो जाला। एही कारण बरसात के सीजन में, जब एकरे ऊपरी हिस्सा में भरपूर पानी बरसे ला आ नीचे उतरे पर ढाल अचानक कम हो जाला, एह में भयानक बाढ़ आवे ले। इतिहासी रूप से एही कारन एह नदी के "बंगाल के शोक" कहल जाय। हालाँकि, अब एह नदी आ एकरे सहायिका नदी सभ पर कई गो बंधा बनावल गइल बाड़ें जवना से बाढ़ में कमी आइल बा आ बिजली के उत्पादन होला। ई मैनेजमेंट अमेरिका के टेनेसी वैली कार्पोरेशन के तर्ज पर दामोदर वैली कार्पोरेशन (डीवीसी) बना के कइल गइल बा।
दामोदर के प्रमुख सहायिका नदी सभ में बरकार, कोनार आ जमुनिया नियर नदी बाड़ी सऽ। नदी के थाला खूब खनिज पदार्थ वाला हवे आ यही कारन एह इलाका में उद्योग सभ के बिकास भी भइल बा। बोकारो, आसनसोल, दुर्गापुर आ बर्धमान नियर शहर एह नदी के तीरे बसल बाड़ें जे कलकत्ता बंदरगाह के पछवारे के परदेस में पड़े लें। एह इलाका में उद्योग के अस्थापन के कारन ई नदी भारत के कुछ सभसे ढेर प्रदूषित नदी सभ में से एक हवे।
दामोदर घाटी के नाँव से जानल जाए वाला भूगोलीय इलाका के बिस्तार झारखंड राज्य के हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, गिरडीह, धनबाद, बोकारो आ चतरा ज़िला सभ में आ पच्छिम बंगाल राज्य के बर्धमान आ हुगली जिला सभ में बाटे। एह में कुछ इलाका पलामू, राँची, लोहरदग्गा, आ दुमका जिला के भी आवे ला आ पच्छिम बंगाल के हावड़ा, बाँकुरा आ पुरुलिया जिला के भी हिस्सा आवे ला। नदी के कुल कैचमेंट एरिया भा थाला के बिस्तार 24,235 वर्ग किलोमीटर (9,357 वर्ग मील) पर बाटे।
दामोदर घाटी में कोइला पावल जाला। ई भारत के सभसे प्रमुख कोकिंग कोइला के सेंटर मानल जाला।इहाँ कोइला के भारी जमाव बिचला हिस्सा में मिलेला जे लगभग 2,883 वर्ग किलोमीटर (1,113 वर्ग मील) एरिया में बाटे। इहँवा के सभसे प्रमुख खदान सभ में झरिया, रानीगंज, पच्छिम बोकारो, पूर्ब बोकारो, रामगढ़, दक्खिन कर्णपुर, आ उत्तर कर्णपुर बाड़ी स। [2]
एह तरीका से देखल जाय तब ई दामोदर घाटी भारत के कुछ सभसे प्रमुख उद्योगिक क्षेत्र सभ में से एक हवे। बोकारो इस्टील कारखाना, इस्को इस्टील कारखाना, बर्नपुर; आ दुर्गापुर इस्टील कारखाना इहाँ इस्टील अथारिटी ऑफ़ इंडिया (सेल) के प्रमुख कारखाना बाड़ें। इनहन के अलावा अउरी कई गो कारखाना इहाँ अस्थापित बाड़ें।
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