नेशनल हाइवे 4 | ||||
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Route information | ||||
Maintained by NHAI | ||||
Length | 333 किमी (207 मील) | |||
Major junctions | ||||
North end | Lamiya Bay | |||
South end | Chidytapu | |||
Location | ||||
देस | भारत | |||
Primary destinations | Port Blair | |||
Highway system | ||||
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नेशनल हाइवे 4, चाहे एनएच 4[1] अंडमान आ निकोबार दीप सभ के भारतीय संघ शासित प्रदेश से हो के गुजरे वाला भारतीय हाइवे हवे। इ 230.7 किमी के लंबाई वाला सड़क मार्ग बा। राजधानी शहर पोर्ट ब्लेयर से दिग्लीपुर तक चले वाली ई सड़क फेररगंज, बारातांग, कदमताला, रंगत, बिली ग्राउंड, निम्बुडेरा, मायाबुंदर आ दिग्लीपुर के सभ प्रमुख शहरन के जोड़त बा। एह हाइवे के अंडमान ट्रंक रोड के नाँव से जानल जाला।
एटीआर अंडमान समूह के द्वीप के लोग खातिर एगो जीवन रेखा बन गइल बा, खासकर उत्तर आ बिचला अंडमान जिला में रहे वाला लोग खातिर। काहें से कि 1970 के दशक से पहिले से 1990 के दशक के सुरुआत ले आदमी आ सामान के परिवहन में समुद्री मार्ग से कई दिन लागे ला अब 10–12 घंटा के बात में पूरा हो सके ला। एह से एनएच-4 साल भर जरूरी चीजं, स्वास्थ्य देखभाल सुविधा आदि के आसानी से आवाजाही के सुविधा देला।
एटीआर जिरकातांग के बीच जारवा रिजर्व के बफर जोन से होके मध्य जलडमरूमध्य तक जाला जहाँ जारवा के मूल जनजाति से यात्री लोग के संपर्क कम से कम करे खातिर कानून बनावल गइल बा। खाली हथियारबंद एस्कॉर्ट वाला वाहन काफिला के अनुमति बा।
एह हाइवे पर वर्तमान में एनएचआईडीसीएल के तहत ₹ 1511.22 करोड़ के बड़हन अपग्रेड आ दू गो प्रमुख पुल के निर्माण हो रहल बा।
पहिले हाइवे के एह हिस्सा के एनएच-223 के रूप में नंबर दिहल गइल रहे।[2]
मुंबई से पुणे से हुबली से बेंगलुरु से चेन्नई तक के राष्ट्रीय राजमार्ग के एगो हिस्सा के पहिले 2010 में राष्ट्रीय राजमार्ग के नंबर बदले से पहिले एनएच 4 कहल जात रहे। पहिले के एनएच 4 के अब एनएच 48 के रूप में नंबर बदल दिहल गइल बाटे।