भारतीय चंदन | |
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बैज्ञानिक वर्गीकरण | |
किंगडम: | प्लेंटाई (Plantae) |
क्लैड (Clade): | एंजियोस्पर्म (Angiosperms) |
क्लैड (Clade): | यूडिकॉट्स (Eudicots) |
ऑर्डर (Order): | Santalales |
परिवार: | Santalaceae |
जाति (Genus): | Santalum |
प्रजाति: | S. album |
दूपद नाँव | |
Santalum album L. |
भारतीय चंदन (अंग्रेजी: Indian sandalwood; बैज्ञानिक नाँव: सैंटलम एल्बम, Santalum album ) चंदन जाति के पौधन आ पेड़ सभ के भारतीय प्रजाति हवे। ई छोटहन साइज के गरम जलवायु वाला एगो फेड़ होखे ला आ ई चंदन अर्क भा चंदन के तेल के प्राकृतिक आ परंपरागत स्रोत हवे। ई दक्खिन भारत आ दक्खिनपूर्ब एशिया के मूल पौधा हवे।
ई हिंदू धर्म में पबित्र मानल जाला आ अउरियो कई संस्कृति सभ में एकरे गमक के खास अस्थान दिहल जाला। एकर लकड़ी कई दशक ले महके ले। ई लकड़ी बहुत महँग होखे ले जेकरा चलते एकर डिमांड बहुत बा आ एही कारन एकर जरूरत से बेसी कटाई होखल एगो समस्या बाटे; साथे-साथ अबैध रूप से एकर कटाई, तस्करी आ बिक्री समस्या बाटे। एकरे कारण मूल जंगल सभ में एह प्रजाति पर खतरा मेंड़रा रहल बाटे। पौधा के उमिर बहुत होखे ले बाकिर ई कटाई जोग भी कई सालन के बाद होखे ला। बहुधा एकर पौधा के पुरहर फेड़ होखे से पहिलहूँ गलत तरीका से काट लिहल जाला जेकरा चलते एपर खतरा बा।
एह चंदन के तेल भा अर्क के दवाई, कास्मेटिक के सामान, आ पूजा पाठ आ पकवान बनावे के सामग्री के रूप में इस्तेमाल होखे ला।[2]