भारतीय प्रशासनिक सेवा (Indian Administrative Service) (I.A.S) भारत सरकार के अखिल भारतीय सेवा के प्रशासनिक विभाग बा। भारत के प्रमुख प्रशासनिक सेवा मानल जाए वाला आई.ए.एस, भारतीय पुलिस सेवा (IPS) आ भारतीय वन सेवा (IFS) के सङे अखिल भारतीय सेवा के तीनगो प्रशासनिक विभागन में से एगो बा। ई तीनों प्रशासनिक विभाग के अधिकारी केन्द्र सरकार आ राज्य सरकार में आपन सेवा समर्पित करेले। आई.ए.एस अधिकारी के बिबिध सरकारी संस्थान जइसे संवैधानिक संस्था, स्टाफ एंड लाइन एजेंसी, सहायक संस्था, सार्वजनिक क्षेत्र के एकम्, नियामक संस्था, वैधानिक संस्था आ स्वाधिकार संस्थनो में तैनात कइल जाला।
सेवा अवलोकन | |
सामान्य चिन्हाव | आई. ए. एस. |
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स्थापना | 1858 IAS |
देस | भारत |
प्रशिक्षणदेयी संस्था | लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक प्रशिक्षणदेयी संस्था, मसूरी, उत्तराखण्ड |
सेवादेयी नियंत्रण समिति | सेवक आ प्रशिक्षण विभाग, सेवक, जनोरहन आ पेंशन मंत्रालय |
जवाबदार मंत्री | प्रधानमंत्री आ सेवक, जनोरहन आ पेंशन मंत्रालय |
कानूनी व्यक्तित्व | सरकारी ; लोक सेवा |
सेवादेयी ताकत | 4,926 सेवादेयी सदस्य (3,511 अधिकारीयन के सहजे संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आ 1,415 अधिकारीयन के राज्य लोक सेवा से पदोन्नति द्वार)[1][2] |
पसंदगी | लोक सेवा परीक्षा |
समिति | आई.ए.एस (केन्द्रीय) समिति |
प्रशासनिक सेवा के प्रमुख | |
भारतीय मंत्रीमण्डल के सचिव | राजीव गौबा, आई.ए.एस |
संसदीय शासन प्रणाली के पालन करे वाला अन्य देसन नियर, आई.ए.एस राष्ट्र के स्थायी आधिपत्यकतन्त्र आ भारत सरकार के कार्यपालिका के एगो अखण्ड भाग बा। एहसे, आधिपत्यकतन्त्र राजनीतिक रूप से तटस्थ रहे ले आ सत्ताधारी पक्ष भा गठबंधित सरकार के प्रशासनिक निरन्तरता के बिश्वास देवेला।
सेवा के पुष्टि होखला पऽ आई.ए.एस अधिकारी सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (अनुमण्डलाधिकारी) के रूप में परिवीक्षा अवधि में काम करेला। एह परिवीक्षा अवधि के पूरा भइला के बाद कवनो जिला में जिला मजिस्ट्रेट आ कलेक्टर (जीलाधिकारी) के रूप में कार्यकारी प्रशासनिक भूमिका निभावेले, जवन केतनहे सालले चलेला। एह कार्यकाल के बाद कवनो अधिकारी के पूरा राज्य के प्रशासनिक विभाग के प्रमुख, डिवीजन कमिशनर (संभागीय आयुक्त) के रूप में पदोन्नति दिहल जा सकेला।
वेतनसारणी के ऊँच पैमाना अरजला पर आई.ए.एस अधिकारी सरकारी विभाग आ मंत्रालयन के नेतृत्व कर सकेले। एह भूमिका में आई.ए.एस अधिकारी द्विपक्षीय आ बहुपक्षीय दलबिचाण में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश के प्रतिनिधित्व करेलें। जदी कवनों नियुक्ति पर सेवा अर्पत होखेस तऽ ईनहन के आन्तरराष्ट्रीय संगठन जैसे बिश्व धनऽनिधिकोष, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, एशिया बिकास धनऽनिधिकोष, एशियाई प्रमुखस्थाप्य निवेश धनऽनिधिकोष, चाहे संयुक्त राष्ट्र, आ एकरे संस्थानन (एजेंसीयन) में काम कइल जा सकेला। भारत में चुनाव के आदेश के अनुसार भारत में चुनाव करावे में आई.ए.एस अधिकारीयो शामिल बाड़े।
ईस्ट इंडिया कंपनी के काल में सिविल सेवा तीनगो भागन में बाँटल गइल – वाचा, बिनवाचा आ विशिष्ठ सिविल सेवा। वाचा सिविल सेवा चहे ऑनरेबल ईस्ट इंडिया कंपनी के सिविल सर्विस (HEICCS), जेह तरह एकरा के कहल जात रहे, ब्रिटिस सरकार में बहुतायत श्रेष्ठ पदन पर ब्रिटिस अधिकारीयन के दखल रहे। बिनवाचा सिविल सेवा के सुरुआत खाली एह खातिर कइल रहे के, भारतीय प्रजा के प्रशासन के निचला स्तर पर प्रवेश के सुविधा होखे। विशिष्ठ सिविल सेवा में विशिष्ठ विभाग सामिल रहे, जइसे भारतीय वन सेवा, शाही पुलिस सेवा आ भारतीय राजनीतिक सेवा, जिनहन के रैंक वाचा सिविल सेवा चाहे भारतीय सेना से लिहल गइल रहे। शाही पुलिस सेवा आपन सदस्यन में भारतीय सेना के केतनहे अधिकारीयन के समवलस, यद्यपि 1893 के बादसे ई अधिकारीयन के पसंदगीला सालाना परीक्षा के उपयोग कइल गइल। 1858 में HEICCS के जगहा भारतीय सिविल सेवा (ICS) ले लिहलक, जवन 1858 से 1947 के बीच भारत के सभसे ऊँच सिविल सेवा बनल। आई.सी.एस में आखिरी नियुक्ति 1942 में भइल।
यूनाइटेड किंगडम के संसद द्वारा भारत सरकार अधिनियम 1919 अमल भइला के बादसे भारतीय सिविल सेवा के भारतीय राज्य सचिव के सामान्य देखरेख में – दूगो खण्डन मे बाटल गइल, अखिल भारतीय सेवा आ केंद्रीय सेवा। भारतीय सिविल सेवा दस अखिल भारतीय सेवा में से एगो रहे।
1946 में प्रधानमंत्री के सम्मेलन में केंद्रीय मंत्रिमंडल भारतीय सिविल सेवा (ICS) पऽ आधारित भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) आ शाही पुलिस पऽ आधारित भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के निर्माण करे के निर्णय कइलस।
1947 में अंग्रेजन के गइला के बाद जब भारत के बंटवारा भइल तऽ भारतीय लोक सेवा(ICS) भारत आ पाकिस्तान दुगो नाया परमाधिपत्कन के बीच बट्ट गइल। आई.सी.एस के भारतीय भाग के नाँव भारतीय प्रशासनिक सेवा रखल गइल जबकि पाकिस्तानी भाग के नाँव पाकिस्तान प्रशासनिक सेवा रखल गइल। आधुनिक भारतीय प्रशासनिक सेवा के निर्माण भारतीय संविधान के भाग XIV अनुच्छेद 312(2) आ अखिल भारतीय सेवा अधिनियम 1951 तहत भइल।
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