आम Mango | |
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फल | |
बैज्ञानिक वर्गीकरण | |
किंगडम: | प्लांटाई |
(बिना रैंक कइल): | एंजियोस्पर्म Angiosperms |
(बिना रैंक कइल): | यूडिकॉट्स Eudicots |
(बिना रैंक कइल): | रोसाइड Rosids |
ऑर्डर (Order): | सैपिंडेल्स Sapindales |
परिवार: | एनाकार्डियासिया Anacardiaceae |
जाति (Genus): | मैंगिफेरा |
प्रजाति: | मैंगिफेरा इंडिका |
दूपद नाँव | |
मैंगिफेरा इंडिका Mangifera indica लिंनायस | |
अउरी दूसर नाँव | |
Mangifera austro-yunnanensis (मैंगिफेरा ऑस्ट्रो-युन्नानेसिस)हू[1] |
आम एक ठो कोइली वाला फल हवे। एकर बड़हन आकार के ऊँच फेड़ होला। आम के फेड़ के बनस्पति बिज्ञान के बर्गीकरण में मैंगीफेरा जाति में रखल जाला। ई गरम इलाका सभ में पैदा होखे हवे आ एकरे फल खातिर बगइचा लगा के खेती होला। आम के कइयन गो प्रजाति सभ प्रकृति में जंगली तरीका से भी पावल जालीं।
बनस्पति बिज्ञान के बर्गीकरण के हिसाब से एह जाति के सगरी पौधा एनाकार्डियासिया परिवार के सदस्य हवें, जेवना में काजू नियर अन्य कई गो फेड़ भी शामिल बाने। आम दक्खिनी एशिया, मने की भारत आ आसपास के देस सभ, के मूल पैदावार हवे[2][3] जहाँ से "भारतीय आम" (मैंगीफेरा इंडिका) बाकी जगह पहुँचल आ आज के समय में गरम प्रदेसन में एही फल के खेती सभसे ढेर हो रहल बाटे।
आम भारत, पाकिस्तान आ फिलिपींस के राष्ट्रीय फल हवे आ बांग्लादेश के राष्ट्रीय फेड़ हवे।[4]
आम के फेड़ 35–40 मी (115–131 फीट) तक ले ऊँच हो सके ला, आ एकरे ऊपरी फइलाव के गोलाई 10 मी (33 फीट) व्यास बाला हो सके ला। ई फेड़ बहुत लंबा समय ले जियत रहे ला, कुछ अइसन नमूना भी देखे में आइल बाने जे 300 साल के होखले के बावजूद फरत मिलल बाने।[5] गहिरा माटी में, मूसर वाली जरि लगभग 6 मी (20 फीट) भीतर ले चल जले आ एकरे चारों ओर बड़हन बिस्तार में अउरी सोरि सभ फइले लीं; इनहन के अलावा कई ठो अइसन सोरि भी होलीं जे जमीन में कई फीट अंदर ले जालीं आ फेड़ के खड़ा रहे में लंगर नियर मदद करे लीं। पतई सभ सदाबहार होलीं, एक के बाद एक कंछी में साधारण तरीका से जुड़ल होलीं आ इनहन के लंबाई लगभग 15–35 सेमी (5.9–13.8 इंच) आ, चौड़ाई 6–16 सेमी (2.4–6.3 इंच) होले; एकदम नौनिहाल पतई सभ नारंगी-गुलाबी, तेजी से कुछ बड़ भइले पर बैंगनी या चमकदार गहिरा लाल आ फिर रूढ़ भइले पर गहिरा हरियर रंग के हो जालीं। फूल लगभग 10–40 सेमी (3.9–15.7 इंच) लमहर झोंप में लागे लें; हर एक सफेद रंग के आ फूल पाँच गो पंखुरी वाला होला जिनहन के लंबाई 5–10 मिमी (0.20–0.39 इंच) होला; हल्का मादक महक वाला ई फूल दूर से फुलाइल होखे के सूचना देलें। आम के लगभग 400 किसिम सभ के पता बा जिनहन में ज्यादातर गरमी के सीजन में फरे लें, जबकि कुछ में साल में दू बेर फर लागे ला।[6] फर के पाके में तीन से छह महिन्ना के समय लागे ला।
पाकल फर के रूपरंग आ साइज भी अलग-अलग होला। आम के बिबिध किसिम सभ में पीयर, संतरहवा, लाल, भा हरियर रंग के हो सके लीं आ अंदर एक ठो लमछर आ चापट कोइली होला जेकरा चारों गूदा लपटाइल रहे ला आ कोइली रेशा निकल के गूदा में समाइल रहे लें जेकरा कारन ई जल्दी कोइली से अलगा ना होला। पाकल, बिना छीलल आम ईगो खास तरह के मीठ महक देला। कोइली में अंदर 1–2 मिमी (0.039–0.079 इंच) मोटाई के सिंगल बीया होले जे लगभग 4–7 सेमी (1.6–2.8 इंच) लमहर होले। बीया के अंदर ओधी के भ्रूण होला। आम के बीया हठबीया (recalcitrant) होले आ ई वातावरण के जमा देवे वाला तापमान या फिर बहुत सूखा ना बर्दास्त क सके लें।[7]
भोजपुरी, मैथिलि, हिंदी आ कई अन्य भाषा सभ में एह फल के नाँव आम, संस्कृत के आम्रः शब्द से निकलल हवे।[8]
जबकि अंग्रेजी शब्द "मैंगो" (mango) (बहुवचन में "मैंगोस" (mangoes भा mangos) मूल रूप से मलयालम भाषा के "मान्ना" भा "मांगा" से पुर्तगाली भाषा से हो के पहुँचल, लगभग 1498 में जब केरल से यूरोप खातिर मसाला के ब्यापार होखे।[9][10] एह शब्द के कौनों यूरोपीय भाषा के लिखित सामग्री में पहिला रिकार्ड इटली के लेखक लुडोविसो दि वर्देमा के 1510 के लिखल चीज में "मांगा" (manga) के रूप में मिले ला; फ्रांसीसी भाषा आ परंपरागत-बाद के लैटिन भाषा में एही जा से अनुवाद हो के पहुँचल; अंग्रेजी में "-ओ" कईसे जुड़ गइल ई बात साफ नइखे।[11]
दक्खिन एशिया में आम के खेती भा बागबानी हजारन साल से हो रहल बा आ ई ईसा पूर्व पाँचवीं-चउथी सदी में दक्खिन पुरुब एशिया में पहुँचल, आ दसवीं सदी ईसवी में अफिरका महादीप में पूरबी हिस्सा में एकर खेती सुरू गइल।[12] 14वीं-सदी के मोरक्को देस के यात्री इब्ने-बतूता एकरा के मोगादिशू में पावल जाए के बिबरण दिहले बाने।[13] बाद में एकर बागबानी ब्राजील, बरमूडा, वेस्ट इंडीज आ मैक्सिको में होखे लागल जहाँ कहीं उचित जलवायु मिलल।[12]
वर्तमान में आम के बागबानी सगरी बर्फ रहित इलाका में, उष्णकटिबंधीय आ उपोष्ण कटिबंधीय इलाका में होखे लागल बाटे; हालाँकि आज भी दुनिया के कुल आम पैदावार के आधा हिस्सा अकेले भारते में पैदा होला, दुसरा नंबर पर चीन बाटे।[14][15][16] आम के खेती स्पेन के अंडालूसिया में भी होला काहें से कि इहाँ के समुंद्र किनारे के उपोष्णकटिबंधी जलवायु यूरोप के मुख्य भूमि के एकलौता अइसन हिस्सा सभ में बा जहाँ उष्णकटिबंधी पौधा सभ के उपज हो सके ले। स्पेन के कब्जा वाला, कनारी दीपसमूह दुसरा उल्लेखनीय इलाका बा जहाँ आम के पैदावार होले। बाकी अन्य आम उपजावे वाला जगह सभ में उत्तरी अमेरिका के फ्लोरिडा आ कैलीफोर्निया ने कोचेला घाटी, दक्खिन अमेरिका आ मध्य-अमेरिका में, कैरीबियन देस सभ में, हवाई में, दक्खिनी, पच्छिमी आ मध्य अफिरका में, ऑस्ट्रेलिया, चीन, दक्खिन कोरिया, पकिस्तान, बांग्लादेश आ दक्खिन पुरुब एशिया बानें।
भारत आम के सभसे बड़ उत्पादन करे वाला होखे के बावजूद, आम के बिस्व ब्यापार में खाली भर 1% हिस्सेदारी करे ला काहें से कि इहाँ खुदे एकर जयादातर खपत हो जाला।[17][18][19]
आम के ब्यापार होखे वाली ज्यादातर किसिम सभ मूल रूप से क्यूबा के आम के किसिम गोमेरा-1 के जरि पर कलम लगा के उपजावल जालीं काहें की ई समुंद्र किनारे के भूमध्यसागरीय इलाका के आबोहवा के अनुकूल पड़े ला।[20] आम के 1,000+ किसिम सभ में से ज्यादातर के कलमी आम के रूप में उपजावल जा सके ला। आम के कुछ छोटहन लंबाई वाली किसिम के सजावटी पौधा के रूप में भी इस्तमाल होला।
आम के फसल कई तरह के रोग आ बेमारी से भी प्रभावित होले।
आम* के कुल उत्पादन – 2020 | |
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देस | (मिलियन टन में) |
भारत | 24.7 |
इंडोनेशिया | 3.6 |
चीन | 2.4 |
मेक्सिको | 2.4 |
पाकिस्तान | 2.3 |
ब्राजील | 2.1 |
पूरा बिस्व | 54.8 |
* includes mangosteens and guavas reported to FAOSTAT Source: FAOSTAT of the United Nations[21] |
In 2017, global production of mangoes (report includes mangosteens and guavas) was 50.6 million tonnes, led by India with 39% (19.5 million tonnes) of the world total (see table).[22] China and Thailand were the next largest producers (table).
At the wholesale level, the price of mangoes varies according to the size, the variety, and other factors. The FOB Price reported by the United States Department of Agriculture for all mangoes imported into the US ranged from approximately US$4.60 (average low price) to $5.74 (average high price) per box (4 kg/box) during 2018.[23]
एही तरह से, अगर पुराना आँकड़ा देखल जाय तब साल 2013 के आँकड़ा अनुसार, आम, अमरुत आ मैंगोस्टीन के सामूहिक रूप से कुल उत्पादन 430लाख टन भइल, एह में 42% हिस्सा भारत देस में पैदा भइल (18 मिलियन टन)।[24] चीन आ थाईलैंड क्रम से दुसरा आ तिसरा नमर पर रहलें।
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