कावेरी | |
River | |
Map of the Kaveri river basin
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देस | भारत |
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सहायिका | |
- बायें से | Harangi Reservoir, Hemavati, Shimsha, Arkavathy |
- दहिने से | Lakshmana Tirtha, Kabini, Bhavani river, Noyyal, Amaravati River, Moyar River |
उदगम | Talakaveri, Kodagu, Western Ghats, Karnataka |
- लोकेशन | Karnataka (ಕರ್ನಾಟಕ), India |
- ऊँचाई | 1,276 मी (4,186 फीट) |
- निर्देशांक | 12°23′N 75°29′E / 12.383°N 75.483°E |
मुहाना | Poompuhar, Tamil Nadu (தமிழ் நாடு) |
- लोकेशन | Bay of Bengal, India |
- ऊँचाई | 0 मी (0 फीट) |
- निर्देशांक | 11°21′40″N 79°49′46″E / 11.36111°N 79.82944°Eनिर्देशांक: 11°21′40″N 79°49′46″E / 11.36111°N 79.82944°E |
लंबाई | 805 किमी (500 मील) [1] |
थाला | 81,155 किमी2 (31,334 वर्ग मील) |
जलनिकास | |
- औसत | 677 m3/s (23,908 cu ft/s) [2] |
Discharge elsewhere (average) | |
- Grand Anicut (South) | 400.716 m3/s (14,151 cu ft/s) [3] |
कावेरी नदी (अंग्रेजी: Kaveri चाहे Cauvery) दक्खिन भारत में बहे वाली एगो महत्वपूर्ण नदी ह। ई मुख्य रूप से कर्नाटक आ तमिलनाडु में पच्छिम से पूरुब कि ओर बहे ले। पुराना तमिल साहित्य में एकर एगो अउरी नाँव पूनी मिले ला जेकर अरथ सोना देवे वाली दासी होला (महीन आ उपजाऊँ गाद जमा करे खातिर)। कावेरी नदी कर्नाटक राज्य के कोडगु जिला में पच्छिमी घाट के ब्रह्मगिरी पहाड़ के तालकावेरि से निकसे ले आ लगभग 800 किलोमीटर के दूरी तय क के बंगाल के खाड़ी में गिरे ले। तालकावेरी के ऊँचाई समुंद्र ताल से 1,341 मीटर के ऊँचाई पर स्थित बाटे। कावेरी के मुहाना डेल्टा प्रकार के हवे जे तमिलनाडु के मयिलाडुतुरै जिला के पूम्पुहार के लगे बने ला। गोदावरी आ कृष्णा नदिन के बाद कावेरी दक्खिन भारत के तीसरी सभसे बड़हन नदी हवे। ई तमिलनाडु राज्य में बहे वाली सबसे लमहर नदी हवे जे एह राज्य के उत्तरी आ दक्खिनी दू हिस्सा में बाँटे ले।
कावेरी नदी के दक्खिन भारत के लोग पबित्र नदी माने ला आ एकरा के महतारी देवी के रूप में कावेरिअम्मा कहि के पूजे ला। एकरे अलावा ई भारत के सात गो पबित्र मानल जाए वाली नदिन में से एक हवे। कर्नाटक आ तमिलनाडु, दुनों राज्यन में खेती-किसानी खातिर कावेरी नदी के महत्व बहुत हवे। एकर नाँव कावेरि के उतपत्ती संकेति भाषा से भइल हवे जेकर शाब्दिक अरथ "नदी" होला; संकेति भाषा संकेति लोगन द्वारा बोलल जाले जे लोग एही नदी के तीरे वाला इलाकन में रहे ला।
नदी के कुल कैचमेंट एरिया (थाला) 81,155 वर्ग किलोमीटर (31,334 वर्ग मील) बाटे जेह में एकर कई गो महत्वपूर्ण सहायिका सभ आपन पानी बहा के ले आवे लीं; सहायिका नदी सभ में हारांगी, हेमावती, काबिनी, भवानी, लक्ष्मण तीर्थ नदी, नोय्यल आ अर्कावती सामिल बाड़ी सऽ। नदी थाला के राज्य आ संघ राज्यक्षेत्र अनुसार हिसाब लगावल जाय तब तमिलनाडु में 43,868 वर्ग किलोमीटर (16,938 वर्ग मील), कर्नाटक में 34,273 वर्ग किलोमीटर (13,233 वर्ग मील), केरल में 2,866 वर्ग किलोमीटर (1,107 वर्ग मील), आ पुदुचेरी में 148 वर्ग किलोमीटर (57 वर्ग मील) एरिया पड़े ला।[4] चामराजनगर जिला में एह नदी में शिवनसमुद्र नाँव के दीप बने ला आ एकरा दुनों ओर सुंदर आ बड़हन झरना शिवनसमुद्र झरना बने ला जे 100 मीटर (330 फीट) के ऊँचाई से नीचे गिरे ला।[5] नदी के महत्त्व सिंचनी आ पनबिजली परियोजना दुनों खातिर बाटे।[6] प्राचीन इतिहासी काल से ई नदी अपना थाला में खेती-किसानी के सपोर्ट करत आ रहल बाटे आ कई गो इतिहासी राज एह नदी के एरिया में बिकसित भ चुकल बाड़ें। पानी के महत्त्व के अंजाद यही बात से लगावल जा सके ला कि एकरा पानी के बँटवारा खातिर लमहर समय से राज्यन के बीचा में बिबाद चलल आ रहल बाटे। एह बिबाद के कावेरी जल बिबाद के नाँव से जानल जाला।
तमिल संगम साहित्य में एह नदी के इलाका के बहुत उपजाऊँ होखल बर्णित बाटे आ ई हिंदू धरम के बहुत पबित्र नदी में गिनल जाले। कावेरी नदी के डेल्टा बहुत घन आबादी वाला इलाका हवे, एहिजे बंगाल के खाड़ी से उठे वाला उष्णकटिबंधी चक्रवात आवे लें आ इनहन से ई इलाका परभावित होखे ला।
कावेरी के प्राथमिक उपयोग सिंचाई खातिर पानी, घर के खपत खातिर पानी आ बिजली उत्पादन खातिर उपलब्ध करावल बा। पहिला पंचवर्षीय योजना के समय के एगो अनुमान में कावेरी के कुल प्रवाह 15 किलोघन मीटर (12,000,000 एकड़·फीट) बतावल गइल रहल, जेह में से 60% के इस्तेमाल सिंचाई खातिर होखत रहे।[7]
तोरेकादानहल्ली पंपस्टेशन कावेरी से 100 किलोमीटर (62 मील) के दूरी पर बंगलौर ले प्रति दिन 540 मिलियन लिटर (19,000,000 घन फुट) पानी भेजे ला।[8][9] तमिलनाडु के सबसे बड़ बांध मेट्टूर बांध से बनल स्टेनली रिजर्वायर 1902 में कावेरी पर सिवनसमुद्र झरना के बाईं ओर बनल पनबिजली संयंत्र एशिया के पहिला पनबिजली संयंत्र रहल।[5]
कृष्ण राजा सागर बांध के क्षमता 49 tmc फीट बा[10] आ स्टेनली जलाशय बनावे वाला मेट्टूर डैम के क्षमता 93.4 tmc फीट (हजार मिलियन घन फीट) बा।
अगस्त 2003 में कर्नाटक के रिजर्वायर सभ में आवे वाला पानी के बहाव 29 साल के निचला स्तर पर रहल आ 58% कमी रहल।[11] कृष्ण राजा सागर में एकट्ठा पानी के मात्रा बस 4.6 tmc फीट रहे।[11]फरवरी 2020 में तमिलनाडु विधानसभा कावेरी डेल्टा के संरक्षित कृषि क्षेत्र घोषित करे खातिर विधेयक पारित कइलस, जवना में तंजावर, तिरवारूर, नागापट्टिनम आ कुड्डलूर आ पुदुकोट्टाई के पांच गो ब्लॉक शामिल बा। एह विधेयक में तिरहूत, अरियालूर आ करूर के शामिल करे में नाकाम बा जवन भौगोलिक रूप से कावेरी डेल्टा में शामिल बा।
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