गोंडी एगो मध्य-दक्खिन के द्रविडिय भाषा हऽ, जेकरा बीस लाख गोंड लोग बोलेला।[1] हेकरा मध्य प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ आऊर आंध्र प्रदेश मे बोलल जाला। भले ई गोंड लोगन के भाषा हऽ बाकिर हेकरा लमसम २०% गोंड लोग बोलेला जे हेकरा ओराए के कगार प आन दिहले बा। गोंडी लगे बिशाल लोक साहित्य बाटे।
गोंडी | |
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गोंडी (खौइ़तौल़ु) | |
मूलभाषा बाटे | भारत |
नृजातीयता | १.३ करोड़ गोंड |
मूल बोले वाला | ३० लाख; १९.५ लाख उत्तरी गोंदी, १.५ लाख अहेरी गोंड, ३ लाख अदिलाबाद गोंड (२०११ जनगणना)[2] |
द्रविड़
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गूँजल गोंडी लिखाई गोंडी लिखाई देवनागरी, तेलुगु लिखाई | |
भाषा कोड | |
ISO 639-2 | gon |
ISO 639-3 | gon – inclusive codeIndividual codes: gno – Northern Gondiesg – Aheri Gondiwsg – Adilabad Gondi |
Glottolog | sout2711 (Southern Gondi)[3]nort2702 (Northern Gondi)[4] |
एह मे दु गो लिंग होखेला, जेमे से एगो पुलिंग होला आ दूसरका पूलींग ना होखेला, माने स्त्रिलींग आउर नपूँसक के एक्के गो लिंग मानल जाला।
गोंडी के कय गो बोली के अबही कोनो पता नइखे, बाकिर कुछु महत्वपूर्ण बोली के नाम दोरला, कोया,मादिया,मूरिया आउर राज गोंड हवन स। उत्तर-पक्खीम आ दक्खिन-पूरब के बोली मे कुछो |ध्वनिबैज्ञानिक अंतर होखेला। उत्तर आउर पक्खिम के गोंडि मे 'स' बाटे बाकिर दक्खिन आ पुरुब मे बदल के 'ह' भ गइल बा, कोनो कोनो बोली मे तऽ ई ओराइए गइल बाटे। आउर सभ गोंडी के बोली मे 'र' के 'ल' हो गइल बा।