गोरखनाथ मठ | |
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बेसिक जानकारी | |
देवता | गोरखनाथ |
तिहुआर | मकर संक्रान्ति |
District | गोरखपुर |
राज्य | उत्तर परदेस |
देस | भारत |
वेबसाइट | gorakhnathmandir |
पूरा भइल | unknown |
गोरखनाथ मठ या गोरखनाथ मंदिर गोरखपुर सहर में एगो मंदिर बा।[1] ई मंदिर बाबा गोरखनाथ के बाटे। बाबा गोरखनाथ ११हवीं सदी के एगो नाथ पंथ के संत रहलें आ बाबा मछेंदरनाथ के चेला रहलें। पूरा उत्तर भारत में आ नैपाल के क्षेत्र में इनका परभाव रहल आ इनके समाधी पर ई मठ का सथापना भइल बाटे।
असल में ई मंदिर ना हवे एक ठो मठ ह जेममे मंदिरों बाटे। मंदिर के साथ औरी कई चीज एह कैंपस में बा। मंदिर में हर साल खिचड़ी (मकर संक्रान्ति) के बिसाल मेला लागे ला आ बाबा गोरखनाथ के खिचड़ी के प्रसाद चढ़ावल जाए ला।
उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एही मठ के प्रमुख महंत बाड़न।
गोरखपुर के नाम गोरखनाथ से पड़ल बा जे ‘नाथ सम्प्रदाय’ के संत रहले। उनुका सम्मान में गोरखनाथ मंदिर नाम के एगो तीर्थ के निर्माण ओह जगह पर भइल जहाँ ऊ आपन साधना कइले रहलन।
गोरखपुर क्षेत्र में महाराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, आजमगढ़, मऊ, बलिया आ नेपाल तराई के कुछ हिस्सा जिला सामिल बा। इ क्षेत्र जवना के गोरखपुर जनपद कहल जा सकेला, हिन्दू संस्कृति के एगो महत्वपूर्ण केंद्र रहे।
गोरखपुर 6वीं सदी ईसा पूर्व के सोलह गो महाजनपद में से एगो कोसल राज्य के हिस्सा रहल। जवना सूर्य वंश के एह इलाका में राज कइल मानल जाला, एह में भगवान राम के भी सामिल कइल जाला। गोरखपुर मौर्य, शुंग, कुषाण, गुप्त आ हर्ष राजवंश के पहिले के साम्राज्य के अभिन्न अंग बनल रहल।
गोरखनाथ मंदिर के वेबसाइट पर एकर इतिहास आ ओह हमला के वर्णन कइल गइल बा जवन मंदिर पर समय-समय पर सहन करे के पड़ल।
3 अप्रैल 2022 के अहमद मुर्तजा अब्बासी नाँव के एगो आदमी पर आरोप लगावल गइल कि ऊ मंदिर परिसर में जबरन घुसे के कोसिस कइलस आ ड्यूटी पर मौजूद पुलिस सिपाही सभ पर हमला कइलस।[10] आ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत बुक कइल गइल।[11]
30 जनवरी 2023 के हमला के 10 महीना बाद अहमद मुर्तजा के लखनऊ के एगो बिसेस एनआईए-एटीएस कोर्ट द्वारा फाँसी के सजा सुनावल गइल, इनके देस के खिलाफ लड़ाई लड़े आ हत्या के हमला के दोषी पावल गइल।[12]
ई लेख कौनों धार्मिक स्थल या बिल्डिंग संबंधित एगो आधार बाटे। जानकारी जोड़ के एकरा के बढ़ावे में विकिपीडिया के मदद करीं। |