दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय | |
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मोटो | आ नो भद्राः क्र्तवो यन्तु विश्वतः |
स्थापना | 1957 |
प्रकार | राज्य विश्वविद्यालय |
चांसलर | आनंदीबेन पटेल |
वाइसचांसलर | पूनम टंडन[1] |
लोकेशन | गोरखपुर, उत्तर प्रदेश, भारत |
वेबसाइट | ddugu |
गोरखपुर विश्विद्यालय, पूरा नाँव दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (Deen Dayal Upadhyaya Gorakhpur University), उत्तर प्रदेश की गोरखपुर शहर में बा। एकर स्थापना 1957 में भइल। पहिले एकरा के खाली गोरखपुर विश्वविद्यालय के नाँव से जानल जाय, बाद में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाँव पर एकर नाँव रखल गइल। ई विश्व विद्यालय पूरा 300 एकड़ के रकबा के प्रांगण में फइलल बा।
गोरखपुर यूनिवर्सिटी आजाद भारत में उत्तर प्रदेश के पहिला युनिवर्सिटी बनल। लोकल प्रशासन के पहल पर रेसकोर्स के 169 एकड़ जमीन युनिवर्सिटी खातिर मिलल आ तत्कालीन मुख्यमंत्री गोबिंदबल्लभ पंत एकर शिलान्यास 1 मई 1950 के कइलें। गोरखनाथ मठ के तत्कालीन महंथ दिग्विजयनाथ एह बिश्वबिद्यालय खातिर आपन दू गो कालेज दे दिहलें।[2]
मई 1956 में गोरखपुर विश्वविद्यालय अधिनियम (एक्ट) उत्तर प्रदेश के बिधानसभा द्वारा पारित भइल आ 1 सितंबर 1957 से एहिजे क्लास शुरू हो गइल।[2]
गोरखपुर विश्वविद्यालय से कुल 342 (2021 तक ले) कॉलेज संबद्ध बाड़ें।[3] कुछ प्रमुख कॉलेज सभ नीचे दिहल बाड़ें:
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