घाट नदी भा पोखरा वगैरह के किनारा[1] के कहल जाला जहाँ से पानी ले चहुँपले के सुबिधान होखे। आमतौर पर सीढ़ीदार किनारा के घाट कहल जाला। इस्तेमाल के अनुसार पानी भरे के घाट, धोबी घाट, भा मसान घाट के रूप में इनहन के नाँव धरा जाला। बहुधा नदी के तीरे के घाट सभ के धार्मिक महत्व भी होला। गंगा नदी के तीरे बसल शहर बनारस अपना घाट सभ खाती परसिद्ध हवे[2] जहाँ लगभग पूरा शहर के एक अलंग गंगा के बायाँ किनारे पर सीढ़ीदार घाटन के सहारे बाटे।
घाट पर नाइ खेवे वाला मल्लाह लोग के (या घाट के महसूल वसूले वाला के) घटवार कहल जाला।[3]
कुछ इलाका में पहाड़ भा पठार के किनारा वाला हिस्सा के भी घाट कहल जाला। दक्खिनी भारत के दुनों किनारा पर मौजूद पहाड़ी के लड़ी पच्छिमी घाट आ पूरबी घाट के नाँव से परसिद्ध हईं।
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