जमीन या स्थल (हिंदी) (अंग्रेजी: Land, sometimes referred to as dry land) पृथ्वी के ऊ हिस्सा हवे जेवन समुन्द्र से ऊपर बाटे आ कौनों पानी की भण्डार से तोपाइल नइखे।[1] पृथ्वी की एही हिस्सा पर ज्यादातर मानवीय कामकाज होला आ प्राकृतिक संसाधन आ खेती वगैरह के मौजूदगी बाटे। जमीन पर वर्तमान समय में पावल जाये वाली ज्यादातर बनस्पति आ जिया-जंतु सभ के पूर्वजन के उत्पत्ति समुंदरी या पानी में पैदा भइल बनस्पति आ जीव सभ से भइल हवे।
जमीन के सीमा एकरे लगे पावल जाये वाला पानी के भंडार से बने ला। जहाँ समुंद्र आ जमीन मिले ले ओकरा के किनारा भा समुंद्री किनारा (अंग्रेजी में कोस्ट) कहल जाला। किनारा के परिभाषा प्राकृतिक भी हो सके ला आ लोकल प्रशासनिक परिभाषा अलग-अलग जगह पर कुछ बदलाव लिहले भी हो सके ला। सूखल आ कड़ेर चट्टान वाला जमीन के किनारा के परिभाषा आ सीमांकन आसान होला जबकि दलदली इलाका सभ में ई बतावल मुस्किल हो जाला कि कहाँ जमीन खतम होत बा आ कहाँ से समुंद्र सुरू हो रहल बा। ज्वार-भाटा आ मौसमी दसा में बदलाव के कारन ई समस्या अउरी जटिल हो जाला।
भौतिक भूगोल में पृथ्वी के जमीनी हिस्सा के अध्ययन थलमंडल के रूप में होला आ समुन्द्र आ अन्य बड़हन पानी के भंडार सभ के अध्ययन जलमंडल के रूप में होला। किनारा के अध्ययन खातिर एगो खास अलगा से उपशाखा बाटे जेकरा के समुंद्रतटीय भूगोल कहल जाला, जे भूआकृति बिज्ञान आ समुंद्रबिज्ञान दुनो के चीज मिला के बनल उपशाखा हवे।
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