जॉन डन

दि रिवरेंड

जॉन डन
आइसक ओलिवर के पेंट कइल पोर्ट्रेट में डन
आइसक ओलिवर के पेंट कइल पोर्ट्रेट में डन
जनम22 जनवरी 1572[1]
लंदन, इंग्लैंड
निधन31 मार्च 1631(1631-03-31) (उमिर 59)[2]
लंदन, इंग्लैंड
पेशाकवि, पुजारी, वकील
राष्ट्रियताअंगरेज
महतारी संस्थाहार्ट हाल, ऑक्सफ़ोर्ड
कैंब्रिज युनिवर्सिटी
बिधासैटायर, प्रेम कबिता, एलिजी, सरमन
बिसयप्रेम, कामुकता, धर्म, मौत
साहित्यिक आंदोलनमेटाफिजिकल पोएट्री

जॉन डन (अंग्रेजी: John Donne; 22 जनवरी 1572[1] – 31 मार्च 1631)[2] एगो अंगरेज कवि आ चर्च ऑफ़ इंग्लैंड में क्लैरिक रहलें।

इनका के मेटाफिजिकल कवि लोग में सभसे अग्रवर्ती प्रतिनिधि के रूप में जानल जाला। इनके रचना सभ के बहुत ताकतवर आ सेंसुअल स्टाइल खाती जानल जाला जेह में सॉनेट, प्रेम के कबिता, धार्मिक कबिता, लैटिन भाषा से अनुबाद, एपिग्राम, एलिजी, गीत, सैटायर, आ सरमन सभ सामिल बाने। इनकर कबिता भाषा, आ मेटाफर सभ के नयापन के, अपना चटक (वाइब्रेंट) स्वरूप के खातिर खासतौर पर जानल जाला, बिसेस रूप से अगर इनका समकालीन लोगन से इनके तुलना कइल जाय। डन के इस्टाइल में अचानक खुले वाला पैराडाक्स आ आइरनी अउरी डिसलोकेशन एगो ख़ास चीज हवे। ई बिसेसता सभ, रोजमर्रा के बोलचाल के भाषा के नाटकीयता आ तुकबंदी के साथै, तनल बाक्यबिन्यास आ टफ इलोक्वेंस सभ, एलिजाबेथ युगीन कबिता के स्मूथनेस के खिलाफ एक किसिम के रिएक्शन नियर रहलीं; ई अंग्रेजी में यूरोपियन बारोक आ मैनरिस्ट तकनीक सभ के एडाप्टेशन भी रहलीं सऽ।

इनके सुरुआती कैरियर के कबिता सभ में अंग्रेजी सोसाइटी के गहन ज्ञान देखलाई पड़े ला आ एह ज्ञान के ऊ धारदार आलोचना के साथे इस्तेमाल करे लें। जॉन डन के कबिता में एगो अउरी बिसेस चीज इनके द्वारा प्रस्तुत ट्रू रेलिजन (सच्चा धरम) के आइडिया भी बा जेकरे बारे में सैद्धांतिक बिचार करे में भी उनके काफी समय बीतल। ऊ सेकुलर कबिता भी लिखलें आ कामोत्तेजक आ प्रेम के कबिता भी लिखलें। ई बिसेस रूप से परसिद्ध हवें अपना मेटाफिजिकल उपमा आ रूपक सभ के इंटेंस इस्तेमाल खातिर।

  1. 1.0 1.1 Long 2013.
  2. 2.0 2.1 Colclough, David (September 2004). Donne, John (1572–1631). Oxford Dictionary of National Biography (online edn, October 2007 ed.). Oxford University Press. doi:10.1093/ref:odnb/7819. Retrieved 18 मई 2010.

बाहरी कड़ी

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