दक्खिन-पुरुब एशिया में हिंदू धर्म के ब्यापक परभाव इहाँ के इतिहास, संस्कृति, आ समाज पर देखे में आवे ला। पहिली से पाँचवीं सदी ईसवी के बीच इहाँ भारतीय लिखाई सिस्टम के चलन आइल आ पहिली बेर इहाँ के लोग आपन चीज लिखित रूप में दर्ज कइल।
हिंदू राजा लोग के राज स्थापित होखे के कारन इहाँ के राजब्यवस्था आ सामाजिक संरचना प हिंदू धर्म के परभाव देखे में आवे ला; सभसे सहज उदाहरण के रूप में जगह आ लोग के नाँव में भारतीय भाषा आ हिंदू संस्कृति के परभाव देखल जा सके ला। इहाँ के आर्किटेक्चर आ कला प हिंदू धर्म के साफ परभाव पड़ल लउके ला, परसिद्ध अंकोरवाट के मंदिर जे दुनिया के सभसे बिसाल परिसर वाला हिंदू मंदिर हवे, हेइजे बाटे।
इतिहासी रूप से चंपा नाँव के राज्य वर्तमान समय के बिचला आ दक्खिनी वियतनाम में बिस्तार लिहले रहे, प्रायदीपी हिस्सा के पूरबी किनारा पर। एह राज्य के लोग, जे चम लोग कहाला, ओह जमाना में हिंदू धर्म के शैव शाखा के माने। चम लोग के लगभग दू हजार साल के लमहर इतिहास बा, एह दौरान इहाँ बहुत कुछ बदलल भी बा।
वर्तमान में चम बलमोन (बाँभन) आ अउरी बाकी चाम लोग हिंदू धर्म के माने वाला बा। हालाँकि इनहन लोग के सटीक जनसंख्या के आँकड़ा सरकारी जनगणना से ना मौजूद बा, अनुमान के मोताबिक इहाँ अब खाली 70,000 से 1,00,000 के करीब हिंदू लोग बचल बा।[1][2]
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