धर्मांधता अपना धरम-संप्रदाय में अंधा शरधा होखे के चलते दुसरे धरम के खातिर द्वेष के भावना हवे; अपना धरम आ मजहब के हित के नाँव पर अनुचित काम कइल धर्मांधता हवे।[1][2]
धर्मांधता, सांस्कृतिक आत्मीयता के मार्ग में सबसे बड़ा काँटा है और इस धर्मांधता को दूर करने के लिए निरपेक्ष एवं वैज्ञानिक शिक्षा से उपयुक्त और कोई उपाय नहीं है। इस प्रकार की शिक्षा एक अन्य प्रकार से भी उपयोगी है। इससे आर्थिक चेतना के विकास में सहायता मिलती है। आर्थिक चेतना का प्रभात धर्मांघता के अंधकार का विनाशक है।
ई समाज भा समाजशास्त्र-संबंधी लेख एगो आधार बाटे। जानकारी जोड़ के एकरा के बढ़ावे में विकिपीडिया के मदद करीं। |