नारायण देसाई | |
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![]() वेडची में नारायण देसाई (2007 में) | |
Nationality | भारतीय |
Occupation | गांधीवादी चिंतक एवं वक्ता |
Known for | गांधी कथा, गांधीवाद |
नारायण देसाई (24 दिसम्बर 1924 - 15 मार्च 2015) एगो परसिद्ध गाँधीवादी रहलें। देसाई जी गाँधीजी के निजी सचिव आ उनकर जीवनीकार महादेव देसाई के लड़िका रहलें। नारायण देसाई भूदान आंदोलन आ सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन से जुड़ल रहलें आ उनके "गाँधी कथा" खातिर जानल जाला जेवन ऊ 2004 में सुनावे शुरू कइलें।
महात्मा गाँधी के निजी सचिव अउरी जीवनीकार महादेव देसाई की पुत्र के रूप में इनकर जनम 24 दिसम्बर 1924 के गुजरात की वलसाड में भइल।[1] [2] साबरमती आश्रम में बचपन बीतल अउरी आरंभिक शिक्षा कि बाद इहाँके पढ़ाई छोड़ दिहलिन आ अपने बाबूजी के निर्देशन में बाद के शिक्षा ग्रहण कइलीं।[3]
नारायण देसाई क विवाह प्रसिद्द स्वतंत्रता सेनानी नबकृष्ण चौधुरी अउरीमालतीदेवी चौधरी की पुत्री उत्तरा चौधरी से भइल। एकरी बाद दूनो जन सूरत की लगे वेड़छी नामक एगो छोट गाँव में चले गये जहाँ पति-पतनी दूनो लोग पढ़ावे के काम शुरू कइलीं। आचार्य विनोबा भावे के भूदान आंदोलन से जुड़के देसाई जी गुजरात में काफ़ी भूदान यात्राएं कइलीं। देसाई जी भूदान आंदोलन के मुखपत्र "भूमिपुत्र" क शुरूआत कइलीं अउरी 1959 ले एकर संपादक रहलीं।[2]
नारायण देसाई गाँधीजी की आदर्श पर अटूट श्रद्धा अउरी विश्वास रखत रहलीं। इहाँके आपन पूरा जिनगी महात्मा जी की बतायवल डहर पर चलिके बितवलीं आ एही आदर्शन के परचार प्रसार करे में लागल रहलीं।
उहाँके 'तरुण शांति सेना' के नेतृत्व कइलीं, वेडची में अणु शक्ति रहित विश्व खातिर एगो विद्यालय के अस्थापना कइलीं आ गांधी शान्ति प्रतिष्ठान, गांधी विचार परिषद अउरी गांधी स्मृति संस्थान से जुड़ल रहलीं।[4]
देसाई जी गुजरात विद्यापीठ के 23 जुलाई 2007 से पिछले साल नवंबर ले कुलाधिपति रहलीं।[1]
नारायण देसाई जी 2004 में एगो नई पहल कइलीं जे में उहाँके गाँधी जी के जीवन क कहानी सुनावे शुरू कइलीं। एके गाँधी कथा क नाँव दिहल गइल।
15 मार्च 2015 के नारायण देसाई क निधन हो गइल।[1] एकरा पहिले इहाँके 10 दिसम्बर से कोमा में रहलीं बाकी फिन से चैतन्य हो के स्वास्थ्यलाभ करत रहलीं जेकरा बाद अचानक इहाँ के निधन हो गइल।