पैरासिटामोल (अंग्रेजी: Paracetamol) चाहे एसिटामिनोफेन (acetaminophen) एगो दवाई हवे जे जर-बोखार आ आ हलका-फुलका दरद के इलाज करे खातिर दिहल जाले। एकरे आम इस्टैंडर्ड डोज से देहिं के हरारत कुछ कम हो जाला, मने की शरीर के टंपरेचर कुछ नीचे चल जाला, हालाँकि एह मामिला में ई आइबूप्रोफेन से कुछ कम्मे कारगर होले। आम जर-बोखार में ई दवाई बहुत इस्तेमाल होले आ एक तरह से पहिला इलाज एही से शुरू कइल जाला। हालाँकि बोखार में एकरे असर के बारे में मेडिकल बिज्ञान के लोग बहुत किलियर नइखे। एस्पिरीन/आइबुप्रोफेन/कैफीन के साथे कंबीनेशन में दिहले पर परभाव बढ़ जाला।
एक बेर, तुरंत होखे वाला कपार दरद भा माइग्रेन में पैरासिटामोल कुछ असर करे ले बाकी बेर-बेर होखे वाला आ लमहर समय से चल रहल कपार के दरद आ माइग्रेन में ई बहुत कामे ना आवे ले। सर्जरी (आपरेशन) के बाद के दरद के कम करे खातिर भी ई दवाई दिहल जाले बाकी एहू मामिला में ई आइबुप्रोफेन से कमतर साबित होले। गठिया के दरद में ई बहुत कम असर करे ले जेकर कौनों मतलब ना होला। करहियाई (कमर) के दरद में, कैंसर के दरद में आ न्यूरोपैथिक दरद में एकर कौनों असर नइखे देखल गइल।
कम समय के बात कइल जाय तब पैरासिटामोल के साइड इफेक्ट में जीव मचिलाइल आ पेट में दरद हो सके ला। लमहर समय में ई दवाई लीवर आ किडनी के नोकसान पहुँचावे ले, गैस्ट्रो के समस्या पैदा करे ले। बेसी डोज में लमहर समय ले पैरासिटामोल के इस्तेमाल से हीमोग्लोबिन के कमी हो जाला जे एह बात के लच्छन हवे कि आँत में खून के रिसाव हो रहल बा, आँत में घाव आ मलद्वार के कई समस्या हो सके ला। लमहर समय में एकर बेसी डोज लीवर के नोकसान पहुँचावे ले आ लीवर फेल होखे से मौत हो सके ला। एगो आम पुरहर आदमी (बच्चा ना) के एक दिन में अधिकतम 4 ग्राम पैरासिटामोल दिहल जा सके ला, एकरा ऊपर ओभरडोज हो जाई।
पैरासिटामोल के खोज 1877 में भइल रहे। आजकाल्ह ई अमेरिका, इंग्लैंड आ भारत में कुछ सभसे प्रमुख दवाई सभ में से एक बा। ई बिस्व स्वास्थ संगठन (WHO) के जरूरी दवाई सभ के लिस्ट में शामिल बाटे।
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