मकारा मासा के पहिला दिन (15 जनवरी अधिबरिस में; बाकी सभ साल में 14 जनवरी)
संबंधित बा
माघी, माघ बिहू, पोंगल
खिचड़ी या मकर संक्रांति हिंदू लोगन क प्रमुख पर्व ह। मकर संक्रान्ति पूरा भारत आ नेपाल में कौनों न कौनों रूप में मनावल जाला। माघ मास में जब सूरज मकर राशि में आवेला तबे इ पर्व मनावल जाला। इ त्योहार जनवरी महिना की चौदहवां या पन्द्रहवां दिनें पड़ेला काहें कि एही दिन के सूर्य धनु राशि के छोड़के मकर राशि में प्रवेश करे ला।[1][2] मकर संक्रान्ति की दिन से ही सूर्य क उत्तरायण गति भी शुरू हो जाला। एहीसे ए पर्व के कहीं-कहीं उत्तरायणी भी कहल जाला। तमिलनाडु में एके पोंगल नामक उत्सव की रूप में मनावल जाला जबकि कर्नाटक, केरल तथा आंध्र प्रदेश में एके खाली संक्रांति कहल जाला।
इ भारतवर्ष तथा नेपाल की सब प्रान्तन में अलग-अलग नांव व भाँति-भाँति की रीति-रिवाज द्वारा भक्ति एवं उत्साह की साथ धूमधाम से मनावल जाला।
नाथ पंथ में खिचड़ी के महत्व हवे।[5] एह दिन उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में गोरखनाथ मठ में बाबा गोरखनाथ के खिचड़ी चढ़ावल जाला आ परसाद में खिचड़ी बाँटल जाला।