लिपिस्टिक चाहे लिपस्टिक (अंग्रेजी: lipstick), आम भासा में ओठलाली, ओठ पर लगावल जाये वाला कॉस्मेटिक होखे ला। ई ओठ के रंग गाढ़ करे, रंगे, ओठ के टेक्सचर के सजावे के कामे आवे ला। कुछ लिपस्टिक सभ में लिप बाम भी होखे ला जे ओठ के सूखे से रोके के कामे आवे ला। साधारण तौर पर ई गोल-लमहर डंडी नियर रंगीन मटेरियल होखे ला जेकरा के ओठ पर रगर के ओठ के रंगल जाला। ई प्लास्टिक भा अउरी दूसर कौनों चीज के बनल ट्यूब में आवे ला। लिपिस्टिक के मूल पदार्थ में आमतौर पर मोम, तेल आ पिगमेंट (रंगीन पदार्थ) होखे लें। मूल रूप से लिप स्टिक, डंडी (स्टिक माने डंडी) वाला कॉस्मेटिक के कहल जाय बाकी अब ई ओह मटेरियल के कहल जाला जे ओठ पर सुंदरता बढ़ावे खातिर लगावल जाय, भले ई कवनो दूसर रूप में होखे, जइसे कि पावडर के रूप में चाहे जेल के रूप में।
ओठ रंगे के इतिहास बहुत पुरान बाटे।[1] सुमेरिया सभ्यता के औरत रंगीन पाथर पीस के ओठ पर लगावें। एकरे अलावा कई किसिम के बनस्पति सभ से निकालल रंग के ओठ पर लगावे के वर्णन पुरान स्रोत सभ में मिले ला। प्राचीन मिस्र में रानी क्लियोपैट्रा द्वारा कार्माइन नाँव के लाल रंग के किरौना सभ के कूँच के ओठ पर लगावे के बिबरन मिले ला। संस्कृत साहित्य में अधरराग शब्द मिले ला।[2] लाक्षा के प्रयोग लाली के रूप में होखे के बिबरन भी मिले ला।[3]
16वीं सदी के इंग्लैंड में, महारानी एलिजाबेथ प्रथम के समय में लिपस्टिक के चलन होखे के बिबरन मिले ला जे मोम में पौधन के रंग मिला के बनावल जाला। अमेरिका में लिपस्टिक के 19वीं सदी में कार्माइन डाई से बनावल जाए के बिबरन मिले ला।
लिपस्टिक के सामग्री में मोम (वैक्स), तेल, एंटीऑक्सीडेंट आ एमोलियेंट (नरम करे वाला पदार्थ) होखे लें।[4]