शारदा सिन्हा | |
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जनम | 1952 (उमिर 71–72) हुलास गाँव, सुपौल, बिहार |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
दूसर नाँव | बिहार कोकिला |
पेशा | गायिका |
सक्रियता साल | 1980–वर्तमान |
परसिद्धि के कारन | लोकगीत गायकी |
शारदा सिन्हा (जनम 1 अक्टूबर 1952) एगो भारतीय लोक गायिका बाड़ी। बिहार में जनमल सिन्हा, मैथिली, भोजपुरी आ मगही में गावल अपने लोकगीतन खातिर जानल जालीं। एकरे अलावा हिंदी फिलिम सभ में भी उनके कई गो गाना हिट रहल बाने। संगीत के सेवा खातिर भारत सरकार उनके पद्मश्री सम्मान दिहले बा।
शारदा सिन्हा के जनम भारतीय राज्य बिहार के मिथला क्षेत्र के सुपौल जिला के हुलास गाँव में 1 अक्टूबर 1952[1][नोट 1] के एगो मध्यमवर्गी परिवार में भइल। इनके बाबूजी सुखदेव ठाकुर बिहार सरकार के शिक्षा बिभाग में एगो अधिकारी रहलें।[2] इनके बाबूजी बचपने में संगीत के ओर झुकाव के चीन्ह लिहलें आ घरहीं आके सिखावे वाला एगो शिक्षक इनके गायकी आ नाच के शिक्षा देवे सुरू कइलेन।[2]
आगे, शारदा सिन्हा आपन एकेडेमिक पढ़ाई पटना विश्वविद्यालय से पूरा कइली। सिन्हा कला वर्ग में स्नातक (ग्रेजुएट) हई।[3]
बियाह के बाद उनके गायकी के ससुरार में कुछ बिरोध भी भइल बाकी पति के पूरा सहजोग मिलल। वर्तमान में सिन्हा समस्तीपुर में रहे ली आ उहाँ एगो कालेज में संगीत के शिक्षा भी देली।[1]
शारदा सिन्हा 80 के दशक में मैथिली, भोजपुरी आ मगही भाषा सभ में परंपरागत गीत गावे खातिर परसिद्ध होखे सुरू भइली। लोकगीतन के अलावा उनके श्रद्धांजलि नाँव के एल्बम (कैसेट) बहुत लोकप्रिय भइल जेह में ऊ मैथिल कवि विद्यापति के गीतन के आवाज दिहली। ई दौर कैसेट के दौर रहे आ सिन्हा के गावल पिरितिया काहे ना लगवले, पटना से बैदा बोलाइ दऽ, नजरा गइलीं गुइंया, पनिया के जहाज से पलटनिया बनि अइहऽ पिया, आ बतावऽ चाँद केकरा से कहाँ मिले जालऽ नियर भोजपुरी गीत उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल आ बिहार में बहुत पसंद कइल गइने। टी-सीरीज पर आइल एलबम (कैसेट) "केकरा से कहाँ मिले जाल" में सिन्हा प्रसिद्ध भोजपुरी कवि आ नाटककार भिखारी ठाकुर के मार्मिक गीत रोई-रोइ पतिया लिखवले रजमतिया गवली। टेप वाला कैसेट के ओह दौर में सिन्हा के परसिद्धी के अनुमान एही से लगावल जा सके ला कि ऊ एगो रेकार्डिंग के मेहनताना लगभग पचास हजार पावें।[4] भोजपुरी फिलिम सभ खातिर सुरुआती माहौल एही कैसेट के जमाना में लोकगीतन के क्रांति से बनल आ एह में सिन्हा के नाँव सभसे आगे लिहल जाला।[5]
हिंदी फिलिम में शारदा सिन्हा के गावल कई गो गीत हिट बाने आ आज भी पसंद कइल जालें। मैंने प्यार किया फिलिम के गीत कहे तोसे सजना से सिन्हा हिंदी जगत के लोग के अपना आवाज से मोह लिहली। एकरे बाद हम आपके हैं कौन में भी उनके गावल एगो गीत रहल। 1989 में सिन्हा हिंदी फिलिम माई में एक्टिंग भी कइली।[5] हाल में, अनुराग कश्यप के फिलिम गैंग्स ऑफ वासेपुर में सिन्हा के गावल पारंपरिक बियाह गीत तार बिजली से पतले हमारे पिया बहुत पसंद कइल गइल।[6][2]