शेर शाह सूरी | |||||
---|---|---|---|---|---|
पादिशाह | |||||
सुर कुल कर सुलतान | |||||
Reign | 17 मई 1538 – 22 मई1545 | ||||
Coronation | 1540 | ||||
Predecessor | हुमायूँ | ||||
Successor | इस्लाम शाह सूरी | ||||
Born | 1486 सासाराम, दिल्ली सल्तनत (अखनी बिहार मे, भारत[1][गैर-प्राइमरी सोर्स के जरूरत बा] | ||||
Died | 22 मई 1545 (उमिर 58–59) कालिंजर | ||||
Burial | शेर शाह सुरी के मकबरा, सासाराम | ||||
Spouse | उत्मादुन निस्सा बानो बेगम रानी शाह बेगम | ||||
Issue | इस्लाम शाह सूरी (जलाल खान) अदिल खान | ||||
| |||||
Dynasty | सुर साम्राज्य | ||||
Father | हसन खान सूरी | ||||
Religion | इस्लाम |
शाह सूरी(𑂬𑂵𑂩 𑂬𑂰𑂯 𑂮𑂴𑂩𑂲) (1486 - 22 मई 1545) उत्तर भारत में सूरी साम्राज्य के संस्थापक रहलें। एह साम्राज्य के राजधानी सासाराम रहल। शेर शाह एक मूल रूप से पख्तून अफगानी रहलें आ 1540 में मुगलन से सत्ता हासिल कइलेन। एक ठो दुर्घटना में उनके मौत के बाद उनके लड़िका इस्लाम शाह सत्ता पवलें। राजा बने से पहिले ई मुगल सेना मे एगो सपिही रहन, फेर ई बाबर के पूत हुमायूँ के हरा के अपने राजा बन जा तताड़ऽन।
आपन सात बछर के राज मे ई बहुते नीमन नीमन काज कईलन आ परिवर्तन कइलन। हीनकर कुछु कुछु काज के मुगल राजा लोग, जइसे अकबर आगे बढ़वलस। ई हुमायूँ के दिना पनाह नगर के बिकास कइलन आ होकर नांव शेरगढ़ धइलन आ पाटलिपुत्र जेेकर सतमा सदी मे ओरा गइल रहे होके फेर से थापित कइलन।
शेर शाह सूरी एगो पशतुन कुल मे सासाराम जनमल रहन, जेवन की अबही बिहार मे बाटे।[2][3] हिनकर उपनाँव पश्तुन के सुर जात से लिहल बाटे। कहल जाला जे, हीनकर नांव शेर एह से पड़ल काहे कि ई जहिया सेयान रहन तहिया एक हाली एगो बाघ से लड़ल रहन आ होके मुवा दिहले रहन।[4][5] हिनकर आजा इब्राहिम खान सुरी एगो जागीरदार रहन। ई मियां हसन खान सुरी के आठ गो पुत मे से एगो रहन।
लईकाई मे फरीद आपन घरे से भाग गइलन, जब हुनकर पिता, हसन खान के ई बात पता लगाल जे उ जौनपुर के राजा जमाल खान लगे गइल बाड़न तऽ ऊ जमाल के एगो पाती लीखलन आ कहलन:
फरीद खान, हमरा से खिसिया के, बिना केवनो कारन के रउरा लगे चलि गइल बाड़ें। हमरा रउवा प पूरा बिस्वास बा जे रउवा हुनका के मना लिहब, आ बिदा कऽ दिहब; बाकिर जदि उ राऊर बाति नइखन सुनत, आ नइखन आवत, तऽ हमरा बिस्वास बा जे रउवा हुनकरा अपना भीरी धऽ लिहब, हम आसा करब जे ओहिजा हुनका धरम के सिख मिली[6]
जमाल खान, फरीद से घरे जाए के कहलन बाकिर फरीद ई बात ना सकरलें, एगो दोसर पाती मे उ लिखलन:
जदि हमार बाबूजी चाहऽतानी जे हम सिक्खा लिहीं, तऽ एह नगर मे ढेर पढ़ल लिखल जन बा: हम एहिजा पढ़ब[6]
शेर शाह मलक (फरिश्ता) ना रहन बलुक मालिक (राजा) रहन। छव बछर मे, ऊ राज के स्थाई कइलन जेकर नेंव आजुओ बाचल बा। हुनकर भारत मे कइल काज इरान आ तुरान के राजा लोग मन के भा गइल आ ऊ लोग एकरा देखल चाहेला। हज़रत अर्श ऐशियानी (अकबर) हुनकरे कईल काज (ज़वाबित) के अगिला पचास बछल रहे देलन आ ओके कोनो बदलाव ना कइलन। आजु उहे भारत मे बन छोड़ि के कुछुवो नइखे बाचल।
शेर शाह बिहार के मुगल प्रशासक, बहर खान लोहनी, ला काम कईल चालू कइलन।[7][8] हुनकर बीरता के चलते बहर खान हुनकरा शेर खान कहत रहन। बहर खान के मुवला के बाद, शेर खान, जमाल खान के प्रतिनिधी राजा बनलन। बादि मे शेर खान के बढ़त तागत के देखि के जमाल खान बंगाल के सुल्तान गियासुद्दीन मुहम्मद शाह के मदद मंगलन। गियासुद्दीन शाह, इब्राहिम खान के नेतृत्व मे आपन सेना भेजलन, बकीर शेर खान उज्जैनीया राजपूतन संघे मिली के, 1534 मे, सूरजगढ़ के जुध मे ओह सेना ले जीत गइलन।[9] एकरा बादि बिहार प हुनकर अधिकार हो जाता।
1538 मे शेर खान, बंगाल प आक्रमन कइलन आ मुहम्मद शाह के हरा देलन, बाकिर हुमायूँ के चलते ओह राज प ऊ कब्जा ना कई पइलन। 26 जुन 1539 के, शेर खान आउर हुमायूँ मे चउसा के जुध भइल जेहमे शेर खान जई भइलन। मई 1540 मे शेर खान, हुमायूँ के फेर कन्नौज मे हरइलन आ हुमायूँ के भारत छोरे पड़ल।[7][10]
1537 मे गुजरात के बहादुर शाह मे मूवला के बादि, मालवा कर नवका राजा कादिर शाह बनलन।
1543 मे शेर शाह सूरी एगो 80,000 लड़ाका वाला बिसाल सेना लेके मरवाड़ के राजा मालदेव राठौर से जुध कइलन आ हुनकरा हरा देलन आ जोधपुर प अधिकार हासिल कई लिहलन।
शेर शाह सूरी तीन परकार के सिकका चलवलें। शेर शाह से पहिले रूपिया चानी के सिक्का के कहल जात रहे बाकिर शेर शाह सूरी, एक रूपिया मे लागे वाला चानी के भार के निश्चित (178 ग्राम) कई दिहलन, एही रूपिया आजो भारत के मुद्रा बाटे।[11] रूपिया भारत संघे नेपाल, इंडोनेशिया, मालदीव, मॉरिशस, पाकिस्तान आ श्रीलंका के मुद्रा बाटे। सोना के सिक्का मुहर कहात रहे आ होकर भार 169 ग्राम होखत रहे आ तामा के सिक्का के पईसा कहल जात रहे।
शेर शाह जी.टी.रोड के फेर से बनवलन आ होके राहे आजम कहलन जवन अफगान से बांग्लादेश के जोड़त रहे।
<ref>
tag; no text was provided for refs named Sarwani
<ref>
tag; no text was provided for refs named Britannica
{{cite book}}
: |volume=
has extra text (help)