सम्मत फूँकल | |
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![]() राजस्थान के उदयपुर में होलिका दहन | |
अन्य नाँव | होलिका दहन |
प्रकार | हिंदू |
मनावे के तरीका | The night before Holika Bonfire On Holi: spray colors on others, dance, party; eat festival delicacies |
सुरू | फागुन पुर्नवासी |
समय | फरवरी-मार्च |
संबंधित बा | होली |
सम्मत फूँकल, सम्मत फूँकल या होलिका दहन भारतीय तिहुआर होली के मनावे के हिस्सा हवे।[1] आमतौर पर होली के एक दिन पहिले के राती खा, सम्मत फूँकल जाला। ई मैदान में एगो बाँस गाड़ के ओकरा चारो ओर लकड़ी, पतई आ गोइठा के ढेर लगा के बनावल गइल होला जेकरा के पूजा पाठ के बाद जरा दिहल जाला। एकरा आगि से लुकार बना के जरावल जाला जेकरा के होलरी कहल जाला। जरत होलरी ले के मैदान में दउरल आ एकरा से खेला देखावल, होलरी खेलल कहल जाला।
पूर्वांचल, बिहार आ नेपाल के सटल इलाका के अलावा बाकी हिंदुस्तान में एह तिहवार के होलिका दहन या होली जलाना कहल जाला आ एकरा के कथा के मोताबिक होलिका-प्रहलाद के खीसा से जोड़ल जाला।
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