सुनेत्रा गुप्ता (जन्म : 1965) एगो वैज्ञानिक आऊर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में मीमांसात्मक रोगशास्त्र क प्रोफ़ेसर बाड़ीं जिनकर रुचि मलेरिया, ऍच आई वी, इन्फ़्लूएन्ज़ा और बॅक्टेरियाई मेनिंग्टिस जइसन छूत के बीमारी क वजह पता लगवलै में हव। [1] सुनेत्रा उपन्यास भी लिखैलीं।
सुनेत्रा गुप्ता क जन्म कोलकाता, भारत में भयल रहै। सुनेत्रा जीव विज्ञान में प्रिन्स्टन विश्वविद्यालय से डिग्री और युनिवर्सिटी ऑफ़ लंदन से पीएच॰ डी॰ क उपाधि लेहलीं।
सुनेत्रा गुप्ता ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्राणि-विज्ञान विभाग में मीमांसात्मक रोगशास्त्र क प्रोफ़ेसर बाड़ीं। ऊ यूरोपीय सलाहकार बोर्ड क सदस्या भी बाड़ीं। [2]
उनके लंदन के जूलॉजिकल सोसायटी के ओर से वैज्ञानिक पदक से सम्मानित कयल गयल बा आऊर रॉयल सोसाइटी लंदन आऊर वैज्ञानिक अनुसंधान बदे उनके रोज़लिण्ड फ्रेंकलिन पुरस्कार दिहल गयल हौ। उनके उपन्यासन के साहित्य अकादमी पुरस्कार आऊर दक्षिणी कला साहित्य पुरस्कार बदे चुनल गयल हौ। उनके उपन्यासन के वोडाफोन क्रॉसवर्ड बुक अवार्ड बदे नामांकित कयल गयल आऊर ऑरेंज पुरस्कार बदे भी पहिले नामांकन लिस्ट में भी विचार कयल गयल रहै।
गुप्ता क चित्र प्रतिष्ठित रॉयल सोसाइटी के ग्रीष्मकालीन विज्ञान प्रदर्शनी में प्रमुख महिला वैज्ञानिकन जइसे कि मैडम क्यूरी के साथे जुलाई 2013में रखल गयल रहै। [3]
गुप्ता सबसे पहिले अपने उपन्यासन के बंगाली में लिखलीं। ऊ रवींद्रनाथ टैगोर के कविता क अनुवाद भी कइलीं। सुनेत्रा कई उपन्यास लिखले बाड़ीं जेमा अक्टूबर 2012 में उनकर पचवाँ उपन्यास सो गुड इन ब्लैक दक्षिण एशियाई साहित्य के डीएससी पुरस्कार बदे पहिलका नामांकन लिस्ट में शामिल कयल गयल रहै। [4]