स्पेशियल एनालिसिस (spatial analysis) भूगोलीय आँकड़ा के बिबिध गणितीय आ ज्यामितीय बिधि आ टेकनीक द्वारा बिस्लेषण हवे। ई पृथ्वी पर पावल जाए वाली चीजन के उनहन के जगह अनुसार ब्यवस्थित होखले के कारण पैदा भइल पैटर्न सभ के गणितीय अध्ययन हवे।
भूगोल में स्थानिक अध्ययन बहुत समय से महत्व के बिसय रहल बा। हाल में कंप्यूटर आधारित भूगोल के नया टेकनीक सभ भी बिकसित भइल बा आ अभी हो रहल बा जे स्पेशियल एनालिसिस के हिस्सा हवें।
लोकेशनल एनालिसिस[1] चीजन के, लोगन के, कौनों संगठन के लोगन के, जानकारी के, चाहे बिबिध किसिम के गतिविधि आ सामग्री सभ के इष्टतम (ऑप्टिमम) प्लेसमेंट के खोज, आकलन आ ओकरा के निर्दिष्ट करे के तकनीक हवे। लोकेशन एनालिसिस में लोकेशन आधारित समस्या सभ के समाधान देवे में मदद करे खातिर मॉडल, तकनीक आ टूल सभ के बिकास सामिल कइल जा सके ला।
ई भूगोल के, खासतौर से मानव भूगोल के एगो तकनीक आ अप्रोच हवे। एकर चलन भूगोल में तब एगो प्रमुख अस्थान लिहलस जब पीटर हैगेट आपन किताब लोकेशनल एनालिसिस इन ह्यूमन ज्याग्रफी (1965) लिखलें।
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