हवा परदूषण भा वायु प्रदूषणधरती के वायुमंडल में मौजूद हवा में नोकसानदेह चीजन के प्रवेश होखे वाला परदूषण हवे। हवा में पहुँचे वाला ई महीन कण सभ आ जीवीय कण सभ बेमारी, एलर्जी पैदा क सके लें आ मौत के कारण बन सकेलें जबकि प्राकृतिक पर्यावरण के बाकी जिंदा जिया-जंतु आ बनस्पति के सेहत पर भी खराब असर डाल सके लें, आ मनुष्य निर्मित पर्यावरण के तत्व सभ के भी नोकसान पहुँचा सके लें। हवा प्रदूषण के वजह मनुष्य के काम भी हो सके ला, जइसे कि चिमनी से निकले वाला धुँआ; आ ई प्राकृतिक घटना सभ के कारण भी हो सके ला, उदाहरण खातिर ज्वालामुखी से निकले वाली नोकसानदेह गैस से भी हो सके ला।
साल 2008 के एक ठो रपट में, घरभितरिया हवा परदूषण आ खराब शहरी हवा गुणवत्ता, दुनों के सभसे खराब किसिम के जहरीला परदूषण के रूप में निशानदेही कइल गइल बा।[1] 2014 में आइल बिस्व स्वास्थ संगठन के रपट में बतावल गइल बा कि साल 2012 में पूरा दुनिया भर में 70 लाख लॉग के मौत भइल,[2] एह अनुमान से मिलत जुलत आँकड़ा अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के भी रहल।[3][4]
अगर घर के भीतर हवा के आवाजाही, मने कि वेंटीलेशन, बढ़ियाँ न होखे, घर के भीतरी हवा में प्रदूषक तत्व सभ एकट्ठा हो सके लें। ई खतरनाक हो सके ला काहें कि लोग आपना जादेतर समय घरे के भितरें बितावे लें। रैडान (Rn) गैस, एगो कैंसरकारी गैस, कई जगह धरती से निकले ले आ घर के भीतर इकट्ठा हो सके ले। घर में कारपेट आ प्लाई से फॉर्मलडीहाइड (H2CO) गैस निकले ले। पेंट आ अउरी अइसन रंग-रोगन के चीज सभ से सूखे पर वोलाटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड (VOCs) रिलीज होखे लें। सीसा आधारित पेंट से, सूखे पर अइसन महीन धूर (डस्ट) निकले ले जे साँस के साथे शरीर में परवेश क सके ले। इनहन के अलावा एयर फ्रेशनर, सुगंधित करे वाला पदार्थ, धूप-अगरबत्ती वगैरह से भी, लोग खुद के द्वारा घर के भीतरी हवा में प्रदूषण क सके ला। लकड़ी जरावे आ गर्मी पैदा करे खातिर भी इस्तेमाल होखे वाला दहन सभ से घर के भीतर प्रदूषण हो सके ला।[12] बिना उचित वेंटिलेशन वाला घर में कीड़ा-मकोड़ा आ मच्छरमार चीजन के छिड़काव से हवा के क्वालिटी खराब हो सके ले।
अब तक के इतिहास में सभसे बड़ बिपति जे हवा में प्रदूषणकारी के तात्कालिक प्रवेश से भइल होखे, 1984 के भोपाल गैस त्रासदी के नाँव से जानल जाला।[13] अमेरिकी कंपनी युनियन कार्बाइड (जेकरा के बाद में डाउ केमिकल कंपनी कीन लिहलस) के फैकटरी से खतरनाक रासायनिक गैस के लीकेज भइल जेह में 3787 लोगन के मौत भ गइल आ 150,000 से 600,000 लोग के नोकसान चहुँपल। एही तरह से यूनाइटेड किंगडम में, सभसे बुरा हवा प्रदूषण के घटना 4 दिसंबर 1952 के "ग्रेट स्मॉग" रहल जे लंदन के ऊपर बनल रहे। छह दिन में कुल 4,000 से बेसी लोगन के मउअत दर्ज कइल गइल आ हाल के दुबारा अनुमान माने लें कि एह में लगभग 12,000 लोग मुअल।[14] सोवियत रूस में 1979 में अइसने एगो घटना भइल जब जैविक हथियार के प्रयोगशाला से सेवर्डलोस्क में एंथ्रेक्स के जीवाणु बहरें हवा में फइल गइलें आ 64 लोगन के मौत भइल।[15] अमेरिका में, सिंगल घटना गिनावल जाय तब पेंसिलवेनिया के डोनोरा में अक्टूबर 1948 में करीब 20 लोगन के मौत भइल आ 7,000 लोग बेमार पड़ गइल।[16]