हेट स्पीच (अंग्रेजी: hate speech) पब्लिक के सोझा दिहल अइसन बयान, भाषण चाहे कौनों कथन भा अभिव्यक्ति होलें जे केहू ब्यक्ति चाहे समाज के कौनों समूह के टारगेट कइ के ओकरे नस्ल, धर्म, लिंग नियर कौनों आधार पर भेदभाव के बढ़ावा देवे लें चाहे ओह ब्यक्ति भा समूह के प्रति निंदा आ घृणा से भरल आक्रामक बयान होखे लें। आम तौर पर ई अइसन बयान होखे लें जिनहन के इरादा कवनो विशेष समूह के प्रति घृणा पैदा करल होखे ला। अइसन बयान सभ के परिणामस्वरूप हिंसा होखले के आशंका हो सके ले।
हेट स्पीच से निपटे खातिर अलग-अलग देसन में अलग किसिम के क़ानून बाड़ें। भारत में कानूनी रूप से एकर कौनों सटीक परिभाषा ना बाटे; भारत सरकार के गृह मंत्रालय के नियुक्त कइल के. टी. विश्वनाथन कमेटी एह मामिला में सख्त कानून बनावे के सलाह दिहले रहल जेह में आइपीसी के धारा 153 सी (बी) आ धारा 505 ए में संसोधन करे के सुझाव सामिल रहे।[1]
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