अरथुना Arthuna | |
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![]() ASI स्थापत्य क्रमांक एन-आरजे-24 | |
निर्देशांक: 23°29′53″N 74°05′46″E / 23.498°N 74.096°Eनिर्देशांक: 23°29′53″N 74°05′46″E / 23.498°N 74.096°E | |
देश | ![]() |
प्रान्त | राजस्थान |
ज़िला | बांसवाड़ा ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 5,152 |
भाषा | |
• प्रचलित | हिन्दी, वागडी |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
अरथुना (Arthuna), जिसका प्राचीन नाम उथुन्नक (Utthunaka) था, भारत के राजस्थान राज्य के बांसवाड़ा ज़िले में स्थित एक नगर है।[1][2]
राजस्थान के वागड का पुराधाम अरथुना जगविख्यात है। पुरातत्व और प्राचीन शिल्प-वैभव के लिहाज से महत्वपूर्ण अरथुना के लिए बांसवाड़ा-अहमदाबाद मार्ग पर बांसवाड़ा ज़िले के मुख्यालय से 38 किलोमीटर दूर गढी से रास्ता जाता है। गढी से यह आनन्दपुरी मार्ग पर 20 किलोमीटर दूर है। यहां कई प्राचीन मन्दिर और मूर्तियां खुदायी में निकली हैं जिन्हें पुरातात्विक दृष्टि से बेशकीमती एवं दुर्लभ माना जाता है। यहां के मन्दिरों में शैव, वैष्णव, जैन आदि सम्प्रदायों का समन्वय मिलता है। यहां प्राचीन मण्डलेश्वर शिवालय मुख्य है। इसके अलावा विष्णु, ब्रह्माजी, महावीर आदि की मूर्तियों वाले मन्दिर हैं। यहां के मण्डलेश्वर शिवालय में गर्भगृह सभा मण्डप से काफी नीचे है जिसमें 2 फीट का बड़ा शिवलिंग है जिसकी जलाधारी तीन फीट गोलाई वाली है। इस मन्दिर का निर्माण दक्षिण भारतीय शैली में हुआ है। अरथुना परमारो की राजधानी के रूप में भी ये स्थान काफी प्रसिद्ध रहा।