अश्विनी नचप्पा | |
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जन्म |
21 अक्टूबर 1967 कर्नाटक, भारत |
पेशा | एथलीट |
बच्चे | 2 |
अश्विनी नचप्पा (जन्म २१ अक्टूबर १९६७) एक पूर्व एथलीट और कन्नड़ भारतीय फिल्म अभिनेत्री हैं। नचप्पा ने १९८० के दशक की शुरुआत में प्रसिद्धि प्राप्त की, जब उन्होंने पी॰ टी॰ उषा को दो बार पछाड़ा था। उन्हें भारत की फ्लोजू कहा जाता है।[1] १९८८ में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।[2]
अश्विनी नचप्पा ने १९८४ (नेपाल में दो रजत पदक), १९८६ में (बांग्लादेश में; दो रजत पदक) और १९८८ (पाकिस्तान में, तीन स्वर्ण पदक) तीन दक्षिण एशियाई महासंघ खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने दो एशियाई खेलों में भाग लिया, एक १९८६ में दक्षिण कोरिया में आयोजित किया गया था और दूसरा १९९० में बीजिंग, चीन में किया गया था। उन्होंने दो विश्व चैंपियनशिप टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। ये टूर्नामेंट १९८७, रोम में और दूसरा १९९१, टोक्यो में खेला गया था।[3]
उन्होंने कुछ तेलुगु फीचर फिल्मों में भी अभिनय किया है, जिसमें उनकी अपनी जीवनी पर आधारित फिल्म भी शामिल है, जिसका शीर्षक अश्विनी है। इसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेत्री का राज्य नंदी पुरस्कार भी मिला था।[4] इसके अलावा यह एक प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद है, जिन्होंने एक विद्यालय भी बनवाया है।[2] वह वर्तमान में बैंगलोर अर्बन डिस्ट्रिक्ट एथलेटिक्स एसोसिएशन की अध्यक्षा हैं।[5]