इस्तोर-ओ-नल | |
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उच्चतम बिंदु | |
ऊँचाई | 7,403 मी॰ (24,288 फीट) [1] |
उदग्रता | 1,025 मी॰ (3,363 फीट) [2] |
सूचीयन | दुनिया का ६८वाँ सबसे ऊँचा पर्वत |
निर्देशांक | 36°23′13″N 71°53′21″E / 36.38694°N 71.88917°Eनिर्देशांक: 36°23′13″N 71°53′21″E / 36.38694°N 71.88917°E [3] |
भूगोल | |
स्थान | चित्राल ज़िला, ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा, पाकिस्तान |
मातृ श्रेणी | हिन्दु कुश |
आरोहण | |
प्रथम आरोहण | 1955 में कॅन बैन्कवाला, जोसॅफ़ मर्फ़ी और थॉमस मच द्वारा[4][5] |
सरलतम मार्ग | हिमानी/बर्फ़ पर चढ़ाई |
इस्तोर-ओ-नल या इस्तोरो नल (ur, Istor-o-Nal) हिन्दु कुश पर्वत शृंखला का तीसरा सबसे ऊँचा पहाड़ है और दुनिया का ६८वाँ सबसे ऊंचा पहाड़ है। ७,४०३ मीटर (२४,२८८ फ़ुट) ऊँचा यह पर्वत प्रशासनिक रूप से पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के चित्राल ज़िले में पड़ता है। यह हिन्दू कुश के सबसे ऊंचे पहाड़ तिरिच मीर से कुछ की किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित है और इन दोनों पहाड़ों के बीच में तिरिच हिमानी (ग्लेशियर) चलता है। बहुत से स्थानों से इस्तोर-ओ-नल तिरिच मीर की ज़्यादा ऊंची चोटी के पीछे छिपा होता है इसलिए कम विख्यात है।
स्थानीय खोवार भाषा में 'घोड़े' को 'इस्तोर' कहते हैं। 'इस्तोरो-नल' का मतलब 'घोड़े का जूता' है। एक स्रोत के अनुसार यह नाम ब्रिटिश राज के दिनों में एक लेफ़्टेनन्ट बर्न नामक अफ़सर ने रखा था और यह इस पहाड़ के अकार की तरफ़ संकेत करता है।[6]
इस्तोरो-नल की चोटी पर सबसे पहले ८ जून १९५५ को एक अमेरिकी पर्वतारोही दस्ता पहुँचा था, जिसमें कॅन बैंकवाला (Ken Bankwala), जोज़फ़ मर्फ़ी (Joseph Murphy) और टॉमस मच (Thomas Mutch) शामिल थे।[4]
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