एलेक पद्मसी | |
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२०१२ में एलेक | |
जन्म |
5 मार्च 1928 |
मौत |
17 नवम्बर 2018 | (उम्र 90)
पेशा |
रंगमंच व्यक्तित्व, विज्ञापन-फ़िल्म निर्माता |
जीवनसाथी |
पीयर्ल पद्मसी (तलाक) डॉली ठाकरे (तलाक) शरों प्रभाकर (विच्छेद) |
बच्चे |
रायल पद्मसी क़ौसर ठाकरे पद्मसी शाज़ान पद्मसी |
संबंधी | अकबर पद्मसी(भाई) |
एलेक पद्मसी (5 मार्च 1928[1] – 17 नवम्बर 2018)[2] भारतीय रंगमंच व्यक्तित्व और विज्ञापन फिल्म निर्माता थे। वो गांधी नामक फ़िल्म में मुहम्मद अली जिन्ना के अभिनय के लिए जाने जाते हैं। इसके अतिरिक्त वो भारतीय रंगमंच में अभिनेता और निर्माता का अभिनय भी करते थे। पद्मसी विज्ञापन जगत में भी बहुत जाने जाते थे और इसके लिए उन्होंने इसी क्रम में लिंटास बॉम्बे स्थापित की।[3][4][5]
पद्मसी का जन्म १९२८ में गुजरात के कच्छ में पारम्परिक ख़ोजा मुस्लिम इस्माइली परिवार में हुआ।[6] उनके पूर्वज चारण जाति के कवि-योद्धा थे। कुछ पीढियों बाद उनके वंशज पास के काठियावाड़ क्षेत्र में रहने लग गये और पद्मसी के दादा भावनगर जिले के वाघनगर के सरपंच (मुखिया) बने और उससे उन्हें सम्मान के रूप में "पद्मसी" (पद्मश्री का अपभ्रंश) उपनाम मिला। उन्हें यह सम्मान तब मिला जब उन्होंने अकाल पड़ने पर अपनी सारी सम्पति गाँव में बाँट दी। उनका वास्तविक उपनाम, उनके चारण वंशज होने के कारण चारणस था।[7]
पद्मसी के पिता, जफ्फेरसेठ पद्मसी धनी व्यवसायी थे जो १० भवनों और एक काँच बनाने वाली कंपनी के मालिक थे। इसके अतिरिक्त वो लकड़ी के बने सामान का व्यवसाय भी करते थे। उनकी माँ कुलसुमबाई पद्मसी एक गृहणी थीं। एलेक आठ भाई बहनों में से एक थे। उनके एक बड़े भाई अकबर पद्मसी चित्रकार थे। हालांकि धनवान होते हुये भी परिवार अच्छे से शिक्षित नहीं था और ना ही उनके माता-पिता शिक्षित थे। एलेक और उनके भाई (बहनें नहीं) अपने घर की प्रथम पीढी के लोग थे जो विद्यालय गये और अंग्रेज़ी भाषा सीखी। उनके माता पिता ने उनसे ही अल्प मात्रा में अंग्रेज़ी सीखी।[8] पूर्णतः पारम्परिक वातावरण और पूर्णतः धार्मिक परिवार में पले बढ़े पद्मसी अपने आप को अज्ञेयवाद के रूप में उल्लिखित करते थे और उन्होंने १८ वर्ष की आयु में अपने धर्म का त्याग कर दिया। उन्होंने अपनी शिक्षा सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई से पूर्ण की। [9]
पद्मसी को भारत में उनके अंग्रेज़ी में किये गये रंगमंच एविटा, यीशु क्रिस्ट सुपरस्टार, तुगलक़ और ब्रोकन इमेजेज जाने जाते हैं जिनकी रचना कैनेडी सेंटर में वाशिंगटन, डीसी में २०११ में किया गया।[10] उन्हें संगीत नाटक अकादमी के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त उन्हें जनवरी २०१८ में टैगोर रत्न भी मिला। अन्तर्राष्ट्रीय रूप से उन्हें रिचर्ड एटनबरो की गाधी नामक फ़िल्म में मुहम्मद अली जिन्ना का अभिनय करने के लिए जाना जाता है।
वर्ष | शीर्षक | भूमिका | टिप्पणी |
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1982 | गांधी | मुहम्मद अली जिन्ना |
एक डबल जीवन (आत्मकथा)
I was born into riches: Ours was a Kutchi business family. My father, Jafferseth, owned 10 buildings and also ran a glassware and furniture business. My mother, Kulsumbai Padamsee, was a housewife. Anything I wanted was there for the asking. We were eight children in all but I, being born after three daughters, was pampered most. Among Gujarati families, it was only the Padamsees and the royal house of Rajpipla. At school, I learnt to speak in English. Later, our parents learnt the language from us. All that I am today is because of what I learnt at school. Miss Murphy, who ran the school, was an inspirational figure for me.
एलेक पद्मसी से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |