कार्तिकेय | |
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निर्देशक | चंदू मोंडेती |
लेखक | चंदू मोंडेती |
निर्माता | वेंकट श्रीनिवास |
अभिनेता |
निखिल सिद्धार्थ स्वाति रेड्डी तनिकेला भरणी राव रमेश जयप्रकाश |
छायाकार | कार्तिक गट्टामनेनी |
संपादक | कार्तिक श्रीनिवास |
संगीतकार | शेखर चंद्र |
निर्माण कंपनी |
मैग्नस सिने प्राइम |
प्रदर्शन तिथियाँ |
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लम्बाई |
124 मिनट[1] |
देश | भारत |
भाषा | तेलुगू |
लागत | ₹4–6 करोड़[2][3] |
कुल कारोबार | अनुमानित ₹20 करोड़[3][4] |
कार्तिकेय सन् 2014 की तेलुगू भाषा की एक रहस्यमयी थ्रिलर फ़िल्म है। फ़िल्म के लेखक तथा निर्देशक चंदू मोंडेती हैं। फिल्म में निखिल सिद्धार्थ, स्वाति रेड्डी, तनिकेला भरणी, राव रमेश और जयप्रकाश मुख्य भूमिकाओं में हैं। फ़िल्म सुब्रह्मण्यपुरम गांव के एक बंद कार्तिकेय मंदिर के इर्द-गिर्द घूमती है और एक जिज्ञासु चिकित्सक कार्तिक के जीवन को दर्शाती है, जो मंदिर के आसपास के रहस्य की जांच करता है।[5]
आंध्र प्रदेश के काकीनाड़ा ज़िले के तालुपुलम्मा मंदिर में घटी एक घटना ने चंदू मोंडेती को कार्तिकेय की कहानी लिखने के लिए प्रेरित किया था। यह फ़िल्म 24 अक्टूबर 2014 को सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई और इसे दर्शकों से सकारात्मक समीक्षाएँ मिलीं थी। फ़िल्म की सफलता के बाद मोंडेती ने 2019 के अंत में कार्तिकेय 2 नामक एक सीक्वल की घोषणा की और 13 अगस्त 2022 को यह फ़िल्म इसी नाम से रिलीज़ की गई थी।[6]
सुब्रह्मण्यपुरम नामक एक गांव में सुब्रह्मण्य स्वामी का एक पुराना मंदिर कुछ रहस्यमय मौतों के कारण बंद हो जाता है। माना जाता है कि ये मौतें सांप के काटने से हुई थीं और जो भी इस मामले की जांच करने मंदिर पहुंचता है वह भी मारा जाता है। कार्तिक एक मेडिकल छात्र है जो अलौकिक शक्तियों में विश्वास नहीं रखता है। वह विज्ञान और तर्क का उपयोग करके सब कुछ का विश्लेषण करता है। वह अपनी प्रेमिका वल्ली के साथ एक चिकित्सा शिविर के लिए सुब्रह्मण्यपुरम आता है। गांव में आकर वह बंद मंदिर के बारे में जानने के लिए उत्सुक हो जाता है और रहस्य को सुलझाने के लिए इसके बारे में कुछ जानकारी इकट्ठा करने लगता है। कार्तिक को शंकर नामक एक व्यक्ति द्वारा लिखी एक डायरी मिलती है, जिसने पहले मंदिर और इसके रहस्य के बारे में शोध किया था। शंकर की मौत उसी इमारत में सांप के काटने से हुई थी जहां कार्तिकेय और उसके दोस्त वर्तमान में शिविर के लिए रह रहे थे।