कुली नं॰ 1 | |
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कुली नं॰ 1 का पोस्टर | |
निर्देशक | डेविड धवन |
लेखक | कादर ख़ान (संवाद) |
पटकथा | रुमी जाफरी |
निर्माता | वासु भगनानी |
अभिनेता |
गोविन्दा, करिश्मा कपूर, हरीश, कंचन, कादर ख़ान, शक्ति कपूर, सदाशिव अमरापुरकर |
संगीतकार | आनंद-मिलिंद |
प्रदर्शन तिथियाँ |
30 जून, 1995 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
कुली नं॰ 1[note 1] डेविड धवन द्वारा निर्देशित 1995 में बनी हिन्दी भाषा की कॉमेडी फ़िल्म है। फिल्म में गोविन्दा, करिश्मा कपूर, कादर ख़ान, सदाशिव अमरापुरकर और शक्ति कपूर हैं। यह फिल्म करिश्मा कपूर की पहली सफल फिल्मों में से एक थी। यह फिल्म 1993 की तमिल फिल्म चिन्ना मैपिलई की रीमेक है।
शादीराम घरजोड़े (सदाशिव अमरापुरकर) एक विवाह कराने वाला है। शादीराम एक लड़के का रिश्ता होशियार चन्द (कादर ख़ान) की बेटी के लिये लाता है। होशियार चन्द उन्हें अपमानित करता है और उन्हें बाहर फेंक देता है और कहता है कि उसका दामाद कम से कम उनसे 40 गुना धनवान होना चाहिए। शादीराम इतना अपमानित महसूस करता है कि वह होशियार चन्द के अहंकार के बारे में कुछ करने का फैसला करता है। यह वह जगह है जहाँ कहानी शुरू होती है। शादीराम अपने दोस्त राजू, एक कुली के पास जाता है और उसे एशिया में सबसे अमीर आदमी का बेटा बनने का नाटक करने के लिए आश्वस्त करता है (वैसे, राजू इस अमीर लड़की के साथ पहले ही प्यार में पड़ गया जब से उसने उसकी तस्वीर देखी थी)। होशियार चन्द की बहुत चापलूसी के बाद, माल्ती और राजू शादी कर लेते हैं।
शादी के बाद राजू को पता चला कि उसे अपने पूरे जीवन ये नाटक करना पड़ सकता है क्योंकि धीरे-धीरे होशियार चन्द को उस पर संदेह होना शुरू हो जाता है। खासकर जब वह कुली के रूप में काम करते हुए उसे बस अड्डे पर होशियार चन्द द्वारा पकड़ा जाता है।
कुली नं॰ 1 का संगीत जारी होने पर सफल रहा था। हालाँकि निर्माता वासु भगनानी और निर्देशक डेविड धवन बेहद आश्वस्त थे कि अभिजीत और चंदना दीक्षित द्वारा गाया "हुस्न है सुहाना" एल्बम का विक्रय कारक होगा। लेकिन "मैं तो रस्ते से जा रहा था" गीत था जिसने ये काम किया।
सभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत आनंद-मिलिंद द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "आ जाना आ जाना" | कुमार सानु, अलका याज्ञिक | 6:26 |
2. | "कुली नम्बर वन" | कुमार सानु | 5:25 |
3. | "हुस्न है सुहाना" | चंदना दीक्षित, अभिजीत | 6:00 |
4. | "जेठ की दोपहरी में" | पूर्णिमा, कुमार सानु | 5:00 |
5. | "क्या मजनूँ क्या राँझा" | कुमार सानु, साधना सरगम | 6:33 |
6. | "मैं तो रस्ते से जा रहा था" | कुमार सानु, अलका याज्ञिक | 5:20 |
7. | "तेरे प्यार में दिल दीवाना" | उदित नारायण, अलका याज्ञिक | 4:58 |