कोरकू | |
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बोलने का स्थान | मध्य भारत (मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र) |
तिथि / काल | 2001 जनगणना |
मातृभाषी वक्ता | 5,70,000 |
भाषा परिवार | |
लिपि | देवनागरी की बालबोध शैली[1] |
भाषा कोड | |
आइएसओ 639-3 | kfq |
मुण्डा भाषाओं का भारत में विस्तार | |
मुण्डा भाषाओं का भारत में विस्तार |
कोरकू (Korku) भारत के मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र राज्यों में बोली जाने वाली ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा-परिवार की मुण्डा शाखा की एक भाषा है। इसे कोरकू समुदाय के लोग बोलते हैं, जो भारतीय संविधान के तहत एक अनुसूचित जनताति हैं। कोरकूभाषियों के आसपास गोंडी भाषा बोलने वाले बसते हैं, जिनकी संख्या अधिक है। ऐतिहासिक रूप से कोरकू लोगों का निहाली भाषा बोलने वालों के साथ सम्बन्ध रहा है, जो कोरकू बोलने वालों के गावों के भीतर ही विशेष हिस्सों में रहते हैं।[2][3]
"कोरो" का अर्थ "मनुष्य" होता है और "कोर-कू" का अर्थ "मनुष्यों वाली (बोली)"।[4]
कोरकू मध्य भारत के इन भागों में बोली जाती है: