कोष़िक्कोड रेलवे स्टेशन കോഴിക്കോട് | |
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एक्सप्रेस ट्रेन और यात्री ट्रेन स्टेशन | |
सामान्य जानकारी | |
स्थान | रेलवे स्टेशन रोड, अप्सरा थिएटर के पास, कोड़िकोड, केरल भारत |
निर्देशांक | 11°14′47″N 75°46′50″E / 11.2465°N 75.7805°Eनिर्देशांक: 11°14′47″N 75°46′50″E / 11.2465°N 75.7805°E |
उन्नति | 11 मी॰ (36 फीट) |
स्वामित्व | भारतीय रेलवे |
संचालक | दक्षिण रेलवे ज़ोन |
लाइन(एँ)/रेखा(एँ) | शोरनूर-मंगलौर खंड |
प्लेटफॉर्म | 4 |
ट्रैक | 6 |
कनेक्शन | बस स्टैंड, टैक्सीकैब स्टैंड, ऑटो रिक्शा स्टैंड |
निर्माण | |
संरचना प्रकार | मानक (भूमि पर) |
पार्किंग | उपलब्ध |
अन्य जानकारी | |
स्थिति | संचालित |
स्टेशन कोड | CLT |
ज़ोन | दक्षिण रेलवे ज़ोन |
मण्डल | पलक्कड़ |
इतिहास | |
प्रारंभ | 2 जनवरी 1888 |
विद्युतित | हाँ |
यात्री | |
Passengers (2016–17) | 28,463 प्रतिदिन[1] |
कोष़िक्कोड रेलवे स्टेशन या जिसे कालीकट रेलवे स्टेशन के रूप में भी जाना जाता है, भारत के कालीकट शहर का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है। यह दक्षिण भारत के सबसे पुराने रेलवे स्टेशनों में से एक है। स्टेशन में चार प्लेटफार्म, दो टर्मिनल और कुल छह ट्रैक हैं।[2] यह केरल के प्रमुख रेलवे स्टेशनों में से एक है,
2012 में स्टेशन पर एक एकीकृत सुरक्षा प्रणाली स्थापित की गई थी जिसमें सामान स्कैनर, सीसीटीवी और वाहन स्कैनर शामिल है।[3] 2 जनवरी 2013 को स्टेशन की 125 वीं वर्षगांठ मनाई गई थी।[4]
कालीकट (अब कोष़िक्कोड) के लिए रेलवे लाइन 2 जनवरी 1888 को यातायात के लिए खोली गई थी, उस समय यह मद्रास रेलवे का पश्चिमी टर्मिनस था। मालाबार में पहली रेलमार्ग बेपोर और तिरूर के बीच बनाई गई थी, जो उस समय का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था। कालीकट के लिए नई लाइन के आगमन और एक प्रशासनिक केंद्र के रूप में इसकी वृद्धि के साथ, बेयपोर का महत्व कम हो गया और इसके बाद रेलवे लाइन को छोड़ दिया गया।[5]
स्टेशन भवन में कई ऐतिहासिक चीज़े जैसे रेलवे के कर्मचारियों के सामाजिक जीवन के लिए एक स्थल के रूप में सेवा करने के लिए 1888 में स्टेशन से सटे ब्रिटिश संस्थान द्वारा निर्मित रेलवे इंस्टीट्यूट नाम का एक मनोरंजन क्लब, और एक लोहे का यांत्रिक पंप सेट जो इंग्लैंड से पानी को भाप इंजनों में पंप करने के लिए आयात किया गया था।[6][7] 2 जनवरी 2013 को स्टेशन की 125 वीं वर्षगांठ मनाई गई। इसे जनवरी 2018 में "भारत का सबसे स्वच्छ रेलवे स्टेशन" का दर्जा दिया गया है।[8]
स्टेशन में चार प्लेटफॉर्म और दो टर्मिनल हैं। पहले प्लेटफॉर्म में 24 कोच वाली ट्रेनों को समायोजित करने की क्षमता है और दूसरे और तीसरे प्लेटफॉर्म में 20 कोचों और चौथे में 24 कोचों को समायोजित करने की क्षमता है।[9] यह पलक्कड़ रेलवे मंडल का एकमात्र A1 ग्रेडेड स्टेशन है जो प्रतिदिन 25,000 यात्रियों को सम्भालता है।[10]
इस रेलवे स्टेशन के माध्यम से शहर, भारत के अन्य प्रमुख शहरों जैसे तिरुवनंतपुरम, चेन्नई, बैंगलोर, नई दिल्ली, मुंबई, पुणे, हैदराबाद, कोयम्बटूर, विशाखापत्तनम, कोलकाता, मैंगलोर, जम्मू तवी, गोवा, एर्नाकुलम और आगे जुड़ा है। शहर के अन्य रेलवे स्टेशनों में फेरोके रेलवे स्टेशन (कोड: FK ), कल्लई कोष़िक्कोड दक्षिण (कोड: KUL), वेल्लायिल (कोड: वीएलएल) और पश्चिम हिल (कोड: WH) शामिल हैं।[11][12]