चेस्टर स्मिथ लीमन | |
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जन्म |
13 जनवरी 1814[1][2][3][4][5] |
मौत |
29 जनवरी 1890[1][2][3][4][5] न्यू हैवन |
नागरिकता | संयुक्त राज्य अमेरिका |
पेशा | खगोल विज्ञानी |
चेस्टर स्मिथ लीमन (Chester Smith Lyman) (13 जनवरी 1814 - 29 जनवरी 1890), एक अमेरिकी शिक्षक, पादरी और खगोलशास्त्री थे।
उन्होंने संयुक्त पारगमन यंत्र तथा शिरोबिंदु दूरबीन, जो हवाई सहित अक्षांश निर्धारण के लिए प्रयुक्त हुआ, का आविष्कार किया था।[6] वें येल वेधशाला के प्रबंधकों के बोर्ड में थे और दिसंबर 1866 में जब ग्रह अवर संयोजन में था उन्होंने पहली बार शुक्र को घेरे हूए फीके छल्ले के प्रकाश को प्रेक्षित किया। इस प्रेक्षण ने ग्रह के चारों ओर वातावरण की उपस्थिति की पुष्टि में मदद की।[7] उन्होंने 1867 में तरंग मशीन के एक डिजाइन का पेटेंट कराया।[8] 1871 में वें एक ही संस्थान में भौतिकी और खगोल विज्ञान के एक प्रोफेसर बन गए, फिर जैसे ही उनका स्वास्थ्य गिरने लगा 1884 में पूरी तरह से खगोल विज्ञान के हो गए। सन् 1889 में वें अवकाश प्राप्त प्रोफेसर के रूप में सेवानिवृत्त हुए।[9] वें येल वेधशाला के निदेशक बने और अपनी मृत्यु तक इस पद पर रहे।[10][11] उनकी मृत्यु दौरे से हुई जिसने उन्हे अंतिम दो वर्षों के लिए घर तक सिमित कर दिया था।[12]