मगध के नंद वंश के सम्राट महापद्मनंद के 9 पुत्र थे, जिन्हें "नवनन्द" कहा जाता था।[1] इनमें धनानंद अंतिम नौवां पुत्र था, जो महापद्मनंद की दासी से उत्पन्न हुआ था। धनानंद ने धोखे से अपने पिता का वध कर दिया और आगे चलकर नंद वंश का उत्तराधिकारी बना।[2]
धनानंद | |
---|---|
नौवे नंद सम्राट | |
शासनावधि | ल. 329–321 ई.पू |
पूर्ववर्ती | कैवर्त |
उत्तरवर्ती | राजवंश का अंत (चन्द्रगुप्त मौर्य नया शासक बना) |
निधन | ल. 321 ई.पू |
संतान | पब्बत (पुत्र) |
राजवंश | नंद |
धनानंद ने महान विद्वान चाणक्य का अपमान किया था। चाणक्य ने अपने शिष्य चन्द्रगुप्त मौर्य के साथ लगभग 322–321 ई.पू मे धनानंद के राज्य पर आक्रमण किया और धनानंद को मारकर मगध पर अपना शासन स्थापित किया।[3]
इसी के साथ चन्द्रगुप्त मौर्य ने मौर्य साम्राज्य की नींव रखी जिसने अखण्ड भारत पर शासन स्थापित किया।[4]