नयागढ़ Nayagarh ଖଣଡପଡ଼ା | |
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नयागढ़ का जगन्नाथ मंदिर | |
निर्देशांक: 20°07′37″N 85°06′25″E / 20.127°N 85.107°Eनिर्देशांक: 20°07′37″N 85°06′25″E / 20.127°N 85.107°E | |
देश | भारत |
राज्य | ओड़िशा |
ज़िला | नयागढ़ ज़िला |
ऊँचाई | 178 मी (584 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 17,030 |
भाषा | |
• प्रचलित | ओड़िया |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 752-XXX |
दूरभाष कोड | 06753 |
वाहन पंजीकरण | OR-25 / OD-25 |
निकटतम नगर | खोर्धा |
साक्षरता | 79.17% |
वेबसाइट | www |
नयागढ़ (Nayagarh) भारत के ओड़िशा राज्य के नयागढ़ ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।[1][2][3]
पूर्वी उड़ीसा में 3954 वर्ग किलोमीटर में फैले नयागढ़ जिले का 40 प्रतिशत हिस्सा जंगलों से घिरा है। बुधबुधियानी का सिंचाई पावर प्रोजेक्ट और गर्म पानी का झरना यहां का मुख्य आकर्षण है। इसके साथ ही यह स्थान चमड़े की कारीगरी, पीतल आदि धातुओं के उपकरणों और चीनी मिल के लिए प्रसिद्ध है। बरतुंगा नदी यहां बहने वाली प्रमुख नदी हे। बारामुल, कंतिलो, ओदागांव, जामुपटना, सारनकुल, रानापुर और कुअनरिया आदि यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। यहां से गुजरने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 5 इसे देश के अन्य हिस्सों से जोड़ता है।
नयागढ़ की स्थिति 20°08′N 85°06′E / 20.13°N 85.1°E पर है। यहाँ की औसत ऊंचाई 178 मीटर (583 फीट) है।
यह स्थान नयागढ़ से 20 किलोमीटर दूर नयागढ़- ओडगांव रोड पर स्थित है। भगवान लाडुकेश्वर मंदिर यहां का मुख्य आकर्षण है, जिन्हें लाडुबाबा नाम से जाना जाता है। शरणकुल शैव भक्तों के बीच काफी लोकप्रिय है। शिवरात्रि पर्व मनाने के लिए उड़ीसा के अनेक हिस्सों से लोगों का यहां आगमन होता है। अन्य धार्मिक स्थल ओडगांव यहां से 5 किलोमीटर दूर है।
ओडगांव भगवान रघुनाथ जी के मंदिर के लिए काफी प्रसिद्ध है। भगवान राम को समर्पित इस मंदिर में रामनवमी पर्व काफी धूमधाम से मनाई जाती है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 1903 के आसपास हुआ था। मान्यता है कि उड़ीसा के लोकप्रिय कवि उपेन्द्र भांजा ने यहां ध्यान लगाया था और राम तरक मंत्र में निपुणता हासिल की थी। यहां होने वाली रामलीला बहुत लोकप्रिय है। सारनकुल से यह स्थान मात्र 5 किलोमीटर दूर है।
महानदी के किनारे स्थित कण्टिलो नीलमाधब मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर दो पहाड़ियों के शिखर पर बना है और इसके चारों तरफ की हरियाली पर्यटकों पर्यटकों को बहुत भाती है। भगवान नारायणी का मंदिर भी यहां देखा जा सकता है। कण्टिलो नयागढ़ से 33 किलोमीटर की दूर है। अनेक धातुओं से बने यहां के बर्तन भी बड़े प्रसिद्ध हैं।
यह बांध नयागढ़ के दसपल्ला के निकट स्थित है। महानदी की सहायक कुआंरिया नदी पर बने इस बांध को बनवाने का मुख्य उद्देश्य इस पिछडे क्षेत्र में सिंचाई की व्यवस्था करना था। बांध के आसपास की प्राकृतिक सुंदरता के कारण यह पिकनिक स्थल बन गया है। बांध के निकट कुआंरिया हिरण उद्यान भी देखा जा सकता है।
यह मठ निम्बार्क समुदाय के लिए एक पवित्र स्थल माना जाता है। कांतिलो के निकट स्थित यह मठ नयागढ़ से 25 किलोमीटर की दूरी पर है। मठ में श्रीगोपाल की प्रतिमा भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, राधा-कृष्ण और हनुमान के साथ देखी जा सकती है। यह प्रतिमाएं अष्ठ धातुओं से बनी हैं। यहां का मुख्य प्रवेश नक्कासियों से सुसज्जित है और लोगों के आकर्षण का केन्द्र है।
भुवनेश्वर से 75 किलोमीटर दूर नयागढ़ जिले में स्थित ताराबालो गर्म पानी के झरनों का समूह है। 8 एकड़ में फैले इन झरनों के जल को औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। प्रकृति के शांत वातावरण में सुकून से समय बिताने के लिए यह एक आदर्श जगह है।
महानदी के किनारे स्थित बारमुल एक शांत गांव है। महानदी की एक खूबसूरत तंगघाटी गांव की प्रमुख विशेषता है। यहां से सूर्यास्त और सूर्योदय के मनोरम नजारे देखना पर्यटकों को बहुत पसंद आता है। बंगाल टाईगर, तेंदुए, भालू, हाथी, सांभर, हिरन आदि जानवरों को यहां के प्राकृतिक वातावरण में विचरण करते देखा जा सकता है। अनेक दुर्लभ और लुप्तप्राय पक्षियों की प्रजातियों भी यहां दिखाई देती हैं। नवंबर से अप्रैल का यहां आने के लिए उत्तम माना जाता है।
भुवनेश्वर का बीजू पटनायक एयरपोर्ट यहां का निकटतम एयरपोर्ट। यह एयरपोर्ट देश के अनेक बड़े शहरों से जुड़ा है।
खुरदा रोड जंक्शन यहां का करीबी रेलवे स्टेशन है, जो इसे देश के अनेक हिस्सों से जोड़ता है।
राष्ट्रीय राजमार्ग 57 नयागढ़ को उड़ीसा और अन्य पड़ोसी राज्यों के अनेक शहरों को सड़क मार्ग से जोड़ता है। यहां के लिए अनेक शहरों से राज्य परिवहन निगम की बसें चलती रहती हैं।