नाइट्रोस्पिरा | |
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वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
अधिजगत: | बैकटीरिया (Bacteria) |
संघ: | नाइट्रोस्पिराए (Nitrospirae) गरिटी व होल्ट, 2001 |
वर्ग: | नाइट्रोस्पिरा (Nitrospira) |
गण: | नाइट्रोस्पिरालीस (Nitrospirales) |
कुल: | नाइट्रोस्पिरासी (Nitrospiraceae) |
वंश: | नाइट्रोस्पिरा (Nitrospira) |
जातियाँ | |
नाइट्रोस्पिरा (Nitrospira) बैक्टीरिया का एक जीववैज्ञानिक वंश है।[1] इसकी पहली सदस्य जाति सन् 1986 में अमेरिका के अटलांटिक महासागर तट के समीप पाई गई थी, और उसका नाम नाइट्रोस्पिरा मरीना (Nitrospira marina) रखा गया।[2] पहले वैज्ञानिकों की सोच थी कि यह वंश शायद केवल सागरीय क्षेत्रों में ही रहता है लेकिन यह बाद में वाहितमल उपचार केन्द्रों में (जहाँ गन्दा जल साफ़ करा जाता है), कुछ नदियों में और मछलीपालन के लिए बने जलाश्यों के जैवनिस्यंदन यंत्रों में भी पनपते हुए पाए गए हैं।[3] नाइट्रोस्पिरा का पृथ्वी की नाइट्रोजन चक्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रकृति में इतने स्थानों में पाए जाने के बावजूद इन्हें प्रयोगशाला में उगाना बहुत कठिन है।[4]