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मीर निजाम अली खान सिद्दीकी बायफांडी - असफ जाह II (7 मार्च 1734 - 6 अगस्त 1803); 1762 और 1803 के बीच दक्षिणी भारत में हैदराबाद राज्य का निजाम था। उनका जन्म 7 मार्च 1734 को असफ जाह I और रानी उम्दा बेगम के चौथे पुत्र के रूप में हुआ था।[1]
उनका आधिकारिक नाम असफ जहां द्वितीय, निजाम-उल-मुल्क, दौला इन-निजाम उद, नवाब मिर निजाम अली खान सिद्दीकी बायफांडी बहादुर, फतेह जांग, सिपा सलार, दक्कन के कप्तान नवाब हैं।
1795 में "निजाम अली" को दक्कन के अग्रणी कमांडर और प्रशासक के रूप में नियुक्त किया गया था, मराठों के खिलाफ लड़ने के उनके सफल तरीकों ने उन्हें एक सक्षम कमांडर के रूप में बहुत प्रतिष्ठा अर्जित की थी। जिसके चलते वो सलाबत जुंग से भी आगे बाद गए
उनके पुत्र और अगले निज़ाम "मीर अकबर अली खान सिकंदर जाह, आसिफ़ जाह तृतीय" थे़