मिशन प्रकार |
औशेयनोग्रफ़ी और मौसम विज्ञान पृथ्वी अवलोकन उपग्रह भौगोलिक सूचना प्रणाली और वैश्विक नेविगेशन उपग्रह प्रणाली |
---|---|
संचालक (ऑपरेटर) | सुपारको |
वेबसाइट | SUPARCO.gov.pk पर |
अंतरिक्ष यान के गुण | |
बस | कैन-बस |
ऊर्जा | 600 वाट |
मिशन का आरंभ | |
प्रक्षेपण तिथि | 2018 के अंत में (योजना) |
कक्षीय मापदण्ड | |
निर्देश प्रणाली | भूकेंद्रीय |
काल | सूर्य-तुल्यकालिक |
विकेन्द्रता | 0 |
परिधि (पेरीएपसिस) | 700 किलोमीटर (430 मील) |
उपसौर (एपोएपसिस) | 700 किलोमीटर (430 मील) |
झुकाव | 38.280° |
अवधि | 99.31 मिनट |
युग | योजना |
पाकिस्तान रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट (Pakistan Remote Sensing Satellite), वाणिज्यिक रूप से रिमोट सेन्सिंग सैटेलाइट सिस्टम (आरएसएसएस) के नाम से जाना जाता है। यह दोहरे उद्देश्य के लिए अवलोकन और ऑप्टिकल उपग्रह है। जो बद्र-2 उपग्रह के प्रतिस्थापन के लिए 2018 में लॉन्च किया जाना है। [1][2]
1 990 और 2000 के दशक के शुरूआती वर्षों में पृथ्वी की निचली कक्षा वाले प्रयोगात्मक अवलोकन उपग्रहों में बद्र उपग्रह कार्यक्रम के सफल प्रक्षेपण और संचालन के बाद, सुपारको ने उपग्रह इमेजरी के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय उपयोगकर्ता आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उच्च रिज़ॉल्यूशन वाले रिमोट सेन्सिंग सैटेलाइट पर काम शुरू किया।[3]
पाकिस्तान रिमोट सेंसिंग प्रोग्राम को एक प्रगतिशील और टिकाऊ कार्यक्रम बनाने की योजना बनाई गई है। जिसमें वर्ष 2018 के अंत तक 700 किमी सूरज-तुल्यकालिक कक्षा में 2.5 मीटर पैन के पेलोड के साथ एक ऑप्टिकल सैटेलाइट लॉन्च करने की प्रारंभिक योजना है। ग्राउड नियंत्रण, इमेज रिसेप्शन और प्रसंस्करण के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे की भी स्थापना करने की योजना है। उपग्रह इस समय विकास प्रक्रिया के तहत है और यह सुपारको द्वारा विकसित किया जा रहा है।[3]
2012 में, पहली रिमोट सेंसिंग उपग्रह परियोजना पूरी हुई थी।[4] सुपारको ने वैश्विक नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएस) के लिये अपने स्वयं का संस्करण स्थापित किया और सितंबर 2012 में तत्काल इस परियोजना के लिए चीन की बेइडु नेविगेशन प्रणाली का अधिग्रहण किया।[5] वर्तमान में पूरे देश में विभिन्न विश्वविद्यालयों के सहयोग से तीन उपग्रहों का डिजाइन सुपारको द्वारा डिजाइन किया गया है। सुपारको के अनुसार, इस कार्यक्रम का पहला उपग्रह 2018 में लॉन्च करने के लिए निर्धारित है।[6]