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पावनखिण्ड युद्ध | |||||||
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योद्धा | |||||||
मराठा सेना | बीजापुर सल्तनत | ||||||
सेनानायक | |||||||
बाजी प्रभु देशपाण्डे † फुलाजी प्रभु देशपानण्डे † रायाजी बाण्डल † शम्भु सिन्ह जाधव † |
सिद्दी मसौद सिद्दी जौहर |
पावनखिंड की लड़ाई (/pɑːvundnxɪnd/i PAAVANKHIND) एक अंतिम युद्ध था जो १३ जुलै १६६० को कोल्हापुर शहर के पास विशालगढ़ किले के आसपास एक पहाड़ी दर्रे यानी 'खिण्ड' पर मराठा सेनापति बाजी प्रभु देशपांडे और शंभू सिंह जाधव द्वारा बीजापुर सल्तनत के सिद्दी मसूद के खिलाफ हुई थी। मराठा सेना के सत्यानाश और बीजापुर सल्तनत लिये एक सामरिक जीत के साथ स हो गया जो एक रणनीतिक जीत पाने में विफल रहा। [उद्धरण चाहिए]