पावरप्ले (अंग्रेज़ी: Powerplay) सीमित ओवरों के क्रिकेट में क्षेत्ररक्षण प्रतिबंध का नाम है।
टेस्ट क्रिकेट के विपरीत सीमित ओवरों के क्रिकेट में रन बचाने के लिए क्षेत्ररक्षकों को फैलाया जाता है। पावरप्ले नियम (क्षेत्ररक्षकों की नियुक्ति पर प्रतिबंध) कई अन्य कारकों के साथ आधुनिक एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय तथा ट्वेन्टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में बड़े स्कोर बनने में सहायक साबित होता है।[1]
एक दिवसीय मैचों तथा ट्वेन्टी-20 मैचों में ओवरों की संख्या भिन्न-भिन्न होती है, जहां अनिवार्य पावरप्ले नियम लागू होते हैं। नीचे दिए गए नियम तभी लागू होते हैं जब मैच निर्बाध हो।
पारी के पहले 10 ओवरों के दौरान अधिकतम दो क्षेत्ररक्षकों को 30-यार्ड सर्कल के बाहर क्षेत्ररक्षण करने की अनुमति रहती है। इसे पहला पावरप्ले कहा जाता है।[2]
पारी के 11वें ओवर से 40वें ओवर तक अधिकतम चार क्षेत्ररक्षकों को 30-यार्ड सर्कल के बाहर क्षेत्ररक्षण करने की अनुमति रहती है। इसे दूसरा पावरप्ले कहा जाता है।[2]
अंतिम 10 ओवरों (41-50) में अधिकतम पांच क्षेत्ररक्षकों को 30-यार्ड सर्कल के बाहर क्षेत्ररक्षण करने की अनुमति होती है। यह पारी का तीसरा और आखिरी पावरप्ले होता है।[2]
अधिकांश घरेलू लीगों और अंतर्राष्ट्रीय ट्वेंटी-20 क्रिकेट में पारी के पहले छह ओवर एक अनिवार्य पावरप्ले होते हैं जिसमें 30-यार्ड सर्कल के बाहर केवल दो क्षेत्ररक्षकों को क्षेत्ररक्षण करने की अनुमति होती है। गेंदबाज और विकेटकीपर समेत बाकी नौ खिलाड़ी इस दौरान 30-यार्ड सर्कल के अंदर रहते हैं। सातवें ओवर के शुरुआत से ही 30-यार्ड सर्कल के बाहर पांच से अधिक क्षेत्ररक्षकों की अनुमति नहीं होती है।
100 गेंद क्रिकेट में पावरप्ले प्रतिबंध पारी की पहली 25 गेंदों के दौरान सक्रिय होता हैं जिसमें 30-यार्ड सर्कल के बाहर केवल दो क्षेत्ररक्षकों को अनुमति है।