पूर्वांचल एक्सप्रेसवे | |
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मार्ग की जानकारी | |
अनुरक्षण उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) | |
लंबाई: | 340.824 कि॰मी॰ (211.778 मील) |
अस्तित्व में: | 2018 – present |
प्रमुख जंक्शन | |
पश्चिम अन्त: | गोसाईगंज (चंदासराय) गांव, लखनऊ-सुल्तानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 56 से लखनऊ |
पूर्व अन्त: | हैदरिया गांव, वाराणसी-बलिया राष्ट्रीय राजमार्ग 31 तक गाज़ीपुर जिला |
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे [1]भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में एक 340.8 किमी लंबा 6-लेन का (प्रत्येक दिशा में 3-लेन) एक्सप्रेसवे है जिसे आठ लेन तक बढाये जा सकने लायक बनाया गया है।[2] 2021 तक यह भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है।[3] एक्सप्रेसवे पूर्व में गाजीपुर शहर से राज्य की राजधानी लखनऊ के गोसाईगंज (चांद सराय) गाँव को[4] (आजमगढ़ और अयोध्या के माध्यम) से जोड़ेता है। इसे उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा ₹22,494 करोड़ की लागत जिसमें भूमि अधिग्रहण का मूल्य भी शामिल है से विकसित किया गया है। सुल्तानपुर में कुरेभार नामक स्थान पर इस एक्सप्रेसवे पर 3.2 किमी लंबी हवाई पट्टी भी है जिसपर वायुसेना के लड़ाकू विमान और भारी कार्गो विमान जैसे हर्क्युलीज सी २४ भी उतर सकते हैं और आपातकाल में उड़ान भर सकते हैं। [5] यह एक्सप्रेसवे लखनऊ से गाजीपुर के बीच 9 जिलों से होकर गुजरेगा जिनमें प्रमुख हैं- लखनऊ से शुरु होकर बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर में समाप्त हो जाएगा।[6] एक्सप्रेसवे को वाराणसी - गोरखपुर राजमार्ग के साथ एक अलग लिंक सड़क के माध्यम से जोड़ा जाना है। [7]
इसका निर्माण कार्य अक्टूबर २०१८ में यूपीडा के द्वारा इसके भूमि अधिग्रहण के समाप्ति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शिलान्यास किये जाने के बाद शुरु हुआ और १६ नवंबर २०२१ को नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन करने के बाद जनता को समर्पित हुआ।[8] [2] बाद में इस एक्सप्रेस वे को एक लिंकवे द्वारा आजमगढ़ में सलारपुर गांव के पास से गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे द्वारा गोरखपुर के जैतपुर गाँव से और आजमगढ़-वाराणसी राजमार्ग से भी जोड़ा जाना है।
इससे दिल्ली से गाजीपुर तक गाजीपुर तक की यात्रा 10 घंटे में सड़क मार्ग से पूरी की जा सकेगी।[9] समाजवादी पार्टी के अनुसार इस परियोजना का संकल्पन उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था जिसका वो श्रेय लेना चाहते थे लेकिन शिलान्यास, संपूर्ण निर्माण और उद्घाटन भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में होने की वजह से यह दोनों दलों के बीच बहस और श्रेय लेने का एक चुनावी मुद्दा भी बना। [10]
इस एक्सप्रेस-वे के अंतर्गत मुख्य कैरिज-वे पर कुल 18 फ्लाईओवर, 7 रेलवे ओवरब्रिज, 7 बड़े पुल, 118 छोटे पुल, 6 टोल प्लाजा, 5 रैंप प्लाजा, 271 अंडरपास निर्मित किए गए हैं।[2][11] सुल्तानपुर में इस मार्ग के एक हिस्से को वायुसेना के विमानों के उतरने लायक 3.2 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी भी बनाई गई है। इसके उद्घाटन के लिये नरेंद्र मोदी सेना के हर्क्युलीज़ सी130जे विमान से इसी हवाई पट्टी पर उतरे जो कि इसकी मजबूती और इतने बडे विमानों को संभाल सकने की इसकी क्षमता को दर्शाता है।[9] इसके भूमिअधिग्रहण और निर्माण की कुल कीमत लगभग २१५०० करोड़ रूपये हैं जिसमें निर्माण पर ११००० करोड़ खर्च हुए हैं।
इसे बनाने वाली कार्यदायी संस्थाओं की सूची निम्नलिखित है।
क्रम संख्या. | स्थान (हिस्सा) | दूरी किमी | कार्यदायी संस्था |
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1. | चांद सराय (लखनऊ)–सन्सारा (बाराबंकी) | 40.4 | गायत्री प्रोजेक्ट्स[12] |
2. | सन्सारा (बाराबंकी)–जरई कलाँ (अमेठी) | 39.7 | गायत्री प्रोजेक्ट्स |
3. | जरई कलाँ (अमेठी)–सिद्धि गणेशपुर (संसारपुर) | 41.7 | एप्को इंफ्राटेक |
4. | सिद्धि गणेशपुर (सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश)–सन्सारपुर (सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश) | 42.7 | जीआर इंफ्राप्रोजेक्ट्स |
5. | सन्सारपुर (सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश)–गोविन्दपुर (आजमगढ़) | 54.0 | पीएनसी इंफ्राटेक [13] |
6. | गोविन्दपुर (आजमगढ़)–मोजरापुर (आजमगढ़) | 28.2 | पीएनसी इंफ्राटेक |
7. | मोजरापुर (आजमगढ़)–बिजौरा (गाजीपुर) | 46.0 | जीआर इंफ्राप्रोजेक्ट्स |
8. | बिजौरा (गाजीपुर)–हेद्दरिया (गाजीपुर) | 48.0 | ओरिएंटल स्ट्रकचरल इजीनियर्स |