पैकिसेरियस प्रिंगलेइ Pachycereus pringlei | |
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पैकिसेरियस प्रिंगलेइ | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | पादप |
अश्रेणीत: | पुष्पी पादप (Angiosperms) |
अश्रेणीत: | युडिकॉट (Eudicots) |
गण: | कैरियोफ़िलालीस (Caryophyllales) |
कुल: | कैक्टेसिए (Cactaceae) |
वंश: | पैकिसेरियस (Pachycereus) |
जाति: | P. pringlei |
द्विपद नाम | |
पैकिसेरियस प्रिंगलेइ (Pachycereus pringlei) (वॉटसन) ब्रिटोन व रोज़ | |
पर्यायवाची | |
Cereus pringlei S.Watson[1] |
पैकिसेरियस प्रिंगलेइ (Pachycereus pringlei), जिसे मेक्सिकी बड़ा कार्दन (Mexican giant cardon) या हाथी कैक्टस (elephant cactus) भी कहा जाता है, कैक्टस की एक जीववैज्ञानिक जाति है को मूल रूप से पश्चिमोत्तरी मेक्सिको में बाहा कैलिफ़ोर्निया, बाहा कैलिफ़ोर्निया सुर और सोनोरा राज्यों में पाई जाती है। इन क्षेत्रों के स्थानीय सेरी लोग (जो यहाँ की आदिवासी जनजाति है) इस कैक्टस के फल खाते हैं।[2]
यह कैक्टस जाति अपनी जड़ों में बैक्टीरिया और फ़ंगस की कुछ जातियों के साथ सहजीवनीय सम्बन्ध रखती है जिस से यह सीधा वायु से नाइट्रोजन प्राप्त करने में सक्षम है। इस कारणवश यह सीधा बिना मिट्टी के पत्थर पर भी उगी हुई पाई जाती है। इसके बीजों में भी यह बैक्टीरिया जातिया पाई गई हैं।[3][4][5]
यह विश्व का सबसे ऊँचा कैक्टस है और ६३ फ़ुट (१९ मीटर) तक लम्बा पाया गया है। इसके तने का व्यास १ मीटर (३ फ़ुट) तक का और कई मोटी सीधी खड़ी हुई शाखों से साथ देखा जा सकता है। इसपर कई बड़े श्वेत फूल होते हैं जो रात्रि में खुलते हैं। देखने में यह सागुआरो नामक जाति से मिलता-जुलता है लेकिन कुछ अन्तर देखे जा सकते हैं। यह धीरे-धीरे उगने वाला वनस्पति है और सैंकड़ों साल जीवित रह सकता है।